भारतवंशी उजरा ज़ेया, जिन्हें बाइडेन ने विदेश मंत्रालय में दिया महत्पूर्ण पद, ट्रंप को बताया था नस्लवादी
Indian American in Joe Biden Cabinet: वाशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक और भारतवंशी को अपनी टीम में महत्वपूर्ण जगह दी है। बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी उजरा ज़ेया को नागरिक सुरक्षा, लोकतंत्र और मानवाधिकार मामलों की उपमंत्री के लिए नामित किया है। उजरा उस समय चर्चा में आई थीं जब उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के विरोध में विदेश सेवा से इस्तीफा दे दिया था।

इसके साथ ही जिन दूसरे नामों की नियुक्ति की गई है उनमें वेंडी आर शर्मन को विदेश विभाग में उप मंत्री, ब्रायन मैककियान को प्रबंधन और संसाधन का उपमंत्री और बोनी जेनकिंस को हथियार नियंत्रण और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मामले का उपमंत्री व विक्टोरिया न्यूलैण्ड को राजनीतिक मामलों का उपमंत्री नामित किया गया है।
जो बाइडेन ने ट्वीट कर लिखा कि नामित विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकेन के नेतृत्व वाली यह विविधता भरी और निपुण टीम मेरे उस विश्वास का प्रतीक है कि जब हम सब मिलकर काम करते हैं तो अमेरिका अधिक मजबूत होता है।
ट्रंप के विरोध में दिया था इस्तीफा
उजरा जेया कुछ समय पहले तक ही अलायंस फॉर पीस बिल्डिंग के सीईओ और अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे रही थीं। उजरा 2014 से 2017 तक पेरिस स्थित अमेरिकी दूतावास में उप प्रमुख के रूप में तैनात रही हैं। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों के विरोध में 2018 में इस्तीफा दे दिया था। भारतीय मूल की उजरा जेया ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर नस्लवादी होने का आरोप लगाया था।
सितम्बर 2018 में पॉलिटिको मैगजीन में लिखे एक लेख में उजरा ने ट्रंप प्रशासन पर नस्लवादी और लिंग के आधार पर भेदभाव करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन लौटने के बाद उन्हें कई बार उच्च पदों पर बिना वजह बताए काम करने से रोका गया। उजरा ने लिखा था कि उनके साथ काम करने वाले एक सहकर्मी ने उन्हें बताया था कि विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें और एक अफ्रीकी-अमेरिकी महिला को नेतृत्व करने वाली पोस्ट देने का विरोध किया था।
भारतीय पिता की संतान
विदेश सेवा के जार्जटाउन यूनिवर्सिटी स्कूल से ग्रेजुएट उजरा का जन्म अमेरिका में ही हुआ था और उनके पिता भारतीय हैं। उजरा ने 25 साल से अधिक विदेश विभाग में अपनी सेवाएं दी हैं। उन्होंने 1990 में विदेश सेवा ज्वाइन की थी। इस दौरान वह नई दिल्ली, मस्कट, दमिश्क, काहिरा और किंग्सटन जैसी प्रमुख जगहों पर नियुक्त रही हैं।
2011 से 2012 तक विदेश उपमंत्री की चीफ ऑफ स्टाफ रहीं और इस दौरान अरब क्रांति को लेकर अमेरिकी प्रतिक्रिया को शक्ल देने वाले प्रमुख नाम में रहीं। 2012 से 2014 तक उजरा ज़ेया लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम मामलों की कार्यकारी सहायक सचिव और उप सहायक सचिव रहीं।