भारतीय मूल की सांसद प्रमिला जयपाल ने ट्रंप के खिलाफ बगावत, 'स्टेट ऑफ यूनियन' का करेंगी बहिष्कार
वॉशिंगटन। भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वीजा पॉलिसी के खिलाफ खुलकर बगावत कर डाली है। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी की लीडर प्रमिला ने विरोध स्वरूप डोनाल्ड ट्रंप के स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन में शामिल होने से इनकार कर दिया है। वैसे भारतीय मूल की प्रमिला अकेली ऐसी नेता नहीं हैं बल्कि उनके अलावा डेमोक्रेट पार्टी की दो और महिला नेता फ्रेडरिका विल्सन, मैक्सीन वाटर्स ने ट्रंप के संबोधन से दूर रहने की घोषणा की है। इन तीनों महिलाओं के अलावा जॉन लुईस और अर्ल ब्लूमेन्युर ने भी बहिष्कार की बात कही है। डोनाल्ड ट्रंप का स्टेट ऑफ द यूनियन संबोधन 30 जनवरी 2018 को होना है। इस कार्यक्रम में अमेरिकी राष्ट्रपति यूएस कांग्रेस के सदस्यों को संबोधित करते हैं और अपनी नीति तथा लक्ष्यों के बारे में विजन पेश करते हैं। ट्रंप से पहले बराक ओबामा, जॉर्ज बुश और बिल क्लिंटन ने भी स्टेट ऑफ द यूनियन भाषण दिया, लेकिन इनमें से किसी को ट्रंप जैसे विरोध का सामना नहीं करना पड़ा।
भारतवंशी अमेरिकी सांसद ने कही ये बातें
भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा, 'मैं इस बार स्टेट ऑफ द यूनियन में शामिल नहीं हो रही हूं और दिग्गज नेता जॉन लेविस भी मेरे साथ हैं। मेरा मानना है कि हमारे राष्ट्रपति पद का इस्तेमाल नस्लवाद के लिए कर रहे हैं और नफरत फैला रहे हैं। हाल में उन्होंने हैती और अफ्रीकी लोगों के लिए भद्दे शब्द कहे। ट्रम्प की संकीर्ण मानसिकता से मैं इत्तेफाक नहीं रखती। उनका देश हित से कोई सरोकार नहीं है।'
वीजा पॉलिसी को लेकर ट्रंप ने अपनाया हुआ है कड़ा रुख
डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को ट्वीट कर लिखा था, 'मैं अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर चाहता हूं कि हमारे देश में ऐसे लोग आएं जो हमें एक बार फिर से ताकतवर और महान बनाने में मददगार साबित हो सकें। अमेरिका में लोगों को मैरिट पर आधारित सिस्टम के तहत आना चाहिए। लॉटरी सिस्टम नहीं चलेगा। #AMERICA FIRST'। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इससे पहले भी इस मुद्दे पर अपनी राय रख चुके हैं। उनके मुताबिक, मैरिट पर आधारित इमिग्रेशन सिस्टम के तहत केवल उन्ही लोगों को देश में आने की इजाजत दी जानी चाहिए, जिनका ट्रैक रिकॉर्ड बेहद शानदार हो। ट्रंप का कहना है कि अमेरिकियों की सेफ्टी और सिक्योरिटी उनके एजेंडे में एकदम टॉप पर है।
मैरिट पर आधारित सिस्टम चाहते हैं ट्रंप
मैरिट पर आधारित सिस्टम से भारत को होगा सबसे ज्यादा फायदा अगर डोनाल्ड ट्रंप लॉटरी वाला वीजा सिस्टम खत्म कर देते हैं तो इससे सबसे ज्यादा फायदा उन भारतीयों को होगा जो अमेरिका जाने का सपना रखते हैं। दरअसल, अमेरिका में लॉटरी सिस्टम के जरिए उन लोगों को ग्रीन कार्ड दिया जाता है, जिन्हें मैरिट के आधार पर यूएस में एंट्री नहीं मिल पाती है।
ट्रंप ने अफ्रीकी नागरिकों पर किया था हमला
डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल सितंबर में ही लॉटरी सिस्टम पर आधारित वीजा खत्म करने का ऐलान किया था, लेकिन इसे लागू कराने में देरी हो रही है। बहरहाल, अब उन्होंने इस समस्या का हल निकालने के लिए यूएस कांग्रेस को मार्च तक का समय दिया है। इस समय अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के 'शिटहोल' वाले बयान की काफी चर्चा है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि हैती से अमेरिका में रहने आए नागरिकों के बारे में ट्रंप ने इस शब्द का प्रयोग किया था। ऐसे में लॉटरी सिस्टम से वीजा को लेकर आया उनका ट्वीट इशारा करता है कि छोटे गरीब देशों से अमेरिका में आने वाले लोगों की मुश्किलें अब और बढ़ने वाली हैं।
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