एच-1बी वीजा धोखाधड़ी मामले में अमेरिकी अथॉरिटीज ने भारतीय को किया गिरफ्तार, हो सकती है 10 वर्ष की सजा
वॉशिंगटन। मंगलवार को अमेरिकी अथॉरिटीज ने एक भारतीय अमेरिकी को गिरफ्तार किया है। इस व्यक्ति का नाम नीरज शर्मा और इसके पास से एच-1 बी वीजा का 11 जाली एप्लीकेशंस मिली हैं। बताया जा रहा है कि इस व्यक्ति ने अपना वीजा भी धोखाधड़ी करके हासिल किया था। अमेरिकी अटॉर्नी क्रेग कापेनितो ने यह बात कही है। 43 वर्षीय नीरज शर्मा को न्यू जर्सी के पिस्कातावे टाउनशिप से गिरफ्तार किया गया है।
कैद के अलावा जुर्माने का भी नियम
अटॉर्नी क्रेग के मुताबिक नीरज पर दो मामलों में केस दर्ज किया गया है। एक केस में वीजा धोखाधड़ी का मामला है और एक केस में धोखाधड़ी करके अमेरिकी नागरिकता हासिल करने यानी नैचुरलाइजेशन का मामला है। नीरज को नेवार्क के फेडरल कोर्ट में मजिस्ट्रेट जज माइकल हमर के सामने पेश किया जाएगा। वीजा और नैचुरलाइजेशन के मामले में 10 वर्ष की कैद और 250,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। इस केस से जुड़े जो भी डॉक्यूमेंट्स पेश किए गए या फिर जो भी बयान कोर्ट में दिए गए हैं, उनके मुताबिक नीरज शर्मा ने कथित तौर पर आईटी क्षेत्र में अनुभव रखने वाले विदेशी लोागों को अमेरिका में प्रवेश दिलाया था।
नीरज शर्मा न्यू जर्सी के सोमरसेट स्थित एक आईटी स्टाफिंग और कंसलटिंग कंपनी का मालिक है। इस कंपनी का नाम मैग्नाविजन एलएलसी है। जिस समय नीरज शर्मा संभावित स्टाफर्स के एच-1बी वीजा से जुड़े पेपर्स को यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशंस सर्विस यानी यूएसएआईसी के सामने जमा कर रहा था, उसने विदेशी कामगारों को लेकर झूठ बोला था कि उनके लिए एक नेशनल बैंक में फुल टाइम काम करने की संभावनाएं हैं।