'भारत सिर्फ US का सहयोगी नहीं... भविष्य का महाशक्ति है', अमेरिकी अधिकारी ने बताया, कैसे पीएम मोदी को मनाया?
कैंपबेल ने इस मौके पर ये भी स्वीकार किया कि भारतीय ब्यूरोक्रेसी में कुछ लोग थे जो कि क्वाड के पक्ष में नहीं थे। लेकिन जब राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बार-बार पीएम मोदी से सीधे तौर इससे जुड़ने की अपील की तो वे मान गए।
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अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। व्हाइट हाउस के एशिया समन्वयक कर्ट कैंपबेल ने कहा कि भारत आने वाले वक्त में दुनिया की महाशक्ति बनेगा। वॉशिंगटन स्थित द एस्पेन इंस्टीट्यूट में एक कार्यक्रम में कर्ट कैंपबेल ने भारत से जुड़े एक सवाल पर कही। कर्ट कैंपबेल ने कहा कि भारत की एक खास रणनीतिक स्थिति है। वह सिर्फ अमेरिका का सहयोगी नहीं है बल्कि वह एक स्वतंत्र और ताकतवर देश बनना चाहता है। आने वाले वक्त में वह एक महाशक्ति बनेगा।
सिर्फ चीन को लेकर चिंता तक सीमित न रहे भारत-US संबंध
भारत और अमेरिका संबंधों पर कैंपबेल ने कहा कि दोनों देशों ने पिछले दो दशकों में कई बाधाओं को पार किया है और बेहतर द्विपक्षीय संबंध बनाने के लिए कई क्षेत्रों में काम किया है। भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंध सिर्फ चीन से जुड़ी आपसी चिंता पर आधारित नहीं हैं, बल्कि दोनों देशों के बीच तालमेल की गहरी समझ पर भी आधारित हैं। कर्ट कैम्पबेल ने कहा कि अगर आप पिछले 20 वर्षों को देखें, तो हमने कई बाधाओं को पार किया है और दोनों देशों के बीच निकटता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। यह सिर्फ चीन को लेकर चिंता पर नहीं बना है बल्कि यह दो समाजों के बीच तालमेल की गहरी समझ का परिणाम है।
किसी भी और देश के इतने गहरे संबंध नहीं हुए
कैंपबेल ने भारत-अमेरिका साझेदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कोई भी द्विपक्षीय संबंध पिछले 20 वर्षों में दोनों देशों की तुलना में इतना गहरा और मजबूत नहीं हुआ है। उन्होंने भारत के साथ संबंधों को 21वीं शताब्दी में अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण बताया और लोगों से संबंधों और प्रौद्योगिकी के निर्माण में अधिक क्षमता का आह्वान किया। कर्ट कैंपबेल ने दोनों लोकतंत्रों के बीच अधिक सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि दोनों पक्षों की कुछ महत्वाकांक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें उन चीजों पर ध्यान देना चाहिए जो हम साथ मिलकर कर सकते हैं, चाहे वह अंतरिक्ष, शिक्षा, जलवायु या प्रौद्योगिकी में हो और वास्तव में उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
क्वाड को लेकर आश्वस्त नहीं था भारत
कैंपबेल ने इस मौके पर ये भी स्वीकार किया कि भारत सरकार क्वाड को लेकर आश्वस्त नहीं थी। उन्होंने कहा कि भारतीय ब्यूरोक्रेसी में कुछ लोग थे जो कि क्वाड के पक्ष में नहीं थे। लेकिन जब हमारे राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बार-बार पीएम मोदी से सीधे तौर इससे जुड़ने की अपील की तो वे मान गए। यह पीएम मोदी थे जिन्होंने तय किया कि क्वाड भारत के हित में है।
एक मजबूत रिश्ते में बंधे हैं भारत और अमेरिका
इस हफ्ते की शुरुआत में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव काराइन जीन पियरे ने कहा था कि भारत-अमेरिका संबंध मजबूत हैं। एक नियमित संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, 'हम ऐसा मानते हैं'। जीन पियरे ने कहा कि भारत और अमेरिका एक मजबूत रिश्ते में बंधे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका पिछले जी20 में अपने नेतृत्व के लिए आभारी है और उसकी अध्यक्षता में भारत के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक है।