भारत में होगा अफगानिस्तान पर बड़ा सम्मेलन, पाकिस्तान को न्योता, क्या तालिबान भी होगा शामिल?
अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत अपना क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन करेगा, जिसमें पाकिस्तान के एनएसए को भी न्योता भेजा गया है।
नई दिल्ली, अक्टूबर 17: रूस और पाकिस्तान उन देशों में शामिल हैं, जिन्हें भारत ने अफगानिस्तान की स्थिति पर एनएसए की बैठक के लिए आमंत्रित किया है और जिसकी मेजबानी भारत ने अगले महीने करने का प्रस्ताव रखा इन देशों के सामने रखा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अफगानिस्तान पर अपना अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन प्रस्तावित दिया है और पाकिस्तान भी उन देशों में शामिल है, जिनकी भागीदारी पर विचार किया जा रहा है। वहीं, अब रिपोर्ट है कि, पाकिस्तान के एनएसए को बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया है।
भारत करेगा अफगानिस्तान पर बैठक
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन, ईरान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान को भी भारत ने अफगानिस्तान पर क्षेत्रीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है जो युद्ध से तबाह अफगानिस्तान में मानवीय संकट के साथ-साथ सुरक्षा स्थिति और तालिबान को मानवाधिकारों को बनाए रखने की आवश्यकता को संबोधित करेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय एनएसए अजित डोवाल इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर सकते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय द्वारा इस सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। हालांकि तालिबान को नवंबर के दूसरे सप्ताह में प्रस्तावित सम्मेलन के लिए अभी तक आमंत्रित नहीं किया गया है।
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तालिबान पर सावधान भारत
20 अक्टूबर को रूस की राजधानी मास्को में अफगानिस्तान की स्थिति पर इसी तरह की बैठक हो रही है, जिसमें भारत भी हिस्सा ले रहा है। लेकिन, रूस ने इस बैठक में तालिबान को भी आमंत्रित किया हुआ है और इस बैठक में तालिबान के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। लेकिन, भारत सरकार नई दिल्ली में होने वाली बैठक में तालिबान को बुलाने को लेकर सावधानी बरत रही है और अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि, क्या तालिबान को भी इस बैठक में शामिल होने का न्योता दिया जाएगा, या फिर उन्हें बैठक से दूर रखा जाएगा। काबुल में सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के मुताबिक, सामूहिक सरकार का गठन नहीं किया है, लिहाजा भारत काफी सतर्क है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी शुक्रवार को कहा है कि, तालिबान द्वारा गठित अंतरिम सरकार "अफगान समाज के पूरे स्पेक्ट्रम को प्रतिबिंबित नहीं करती है"।
क्या होगी पाकिस्तान की भूमिका?
यह देखना भी दिलचस्प होगा कि सम्मेलन में पाकिस्तान क्या भूमिका निभाता है, या पाकिस्तान के एनएसए, मोईद यूसुफ सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली आते हैं या फिर नहीं आते हैं। यह सुनिश्चित करने के बावजूद कि पाकिस्तान ने अभी तक भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले आतंकी संगठनों लश्कर और जेईएम पर कोई कार्रवाई नहीं की है, भारत ने बैठक को लेकर अभी तक पाकिस्तान की भूमिका तय नहीं की है। हालांकि, पिछले दिनों भारत की तरफ से संकेत जरूर दिए गये हैं, कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाता है, तो नई दिल्ली को इस्लामाबाद के साथ मिलकर काम करने में कोई दिक्कत नहीं है।
फिर से राजनयिक संबंध होंगे बहाल?
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले लंबे अर्से से राजनयिक बातचीत बंद है और अगर पाकिस्तान के एनएसएस मोइद युसूफ भारत आते हैं, तो फिर कई महीनों के बाद दोनों देशों के उच्च प्रतिनिधियों की बात होगी। इससे पहले भारत ने एससीओ बैठक के बाद अपने तीन वरिष्ठ अधिकारियों को एंटी-टेटर अभ्यास के लिए पाकिस्तान भेजने का फैसला किया है, जिसे एक अच्छा कदम बढ़ाया जा रहा है और अगर इससे पहले 2016 में नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज भारत आए थे और उसके बाद से सीनियर अधिकारियों का भारत या पाकिस्तान यात्रा बंद है।
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