कुलभूषण जाधव मामला: भारत ने पाकिस्तान की ओर से प्रयोग अभद्र भाषा पर जताया एतराज
हेग। नीदरलैंड्स की राजधानी हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में इस समय कुलभूषण जाधव केस की सुनवाई चल रही है। आज सुनवाई का आखिरी दिन है और बुधवार को भारत की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने फिर से पाकिस्तान को मामले पर घेरा। भारत ने आईसीजे में जाधव के लिए पाकिस्तान की तरफ से प्रयोग हुई अभद्र भाषा पर सख्त ऐतराज जताया है। भारत ने इसके साथ ही यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की संस्था से अपील की है कि ऐसा दोबारा न हो इसके लिए एक सीमा तय की जाए।
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भारत को कड़ा ऐतराज
भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल रहे हरीश साल्वे ने बुधवार को सुनवाई शुरू होने से पहले कोर्ट का ध्यान इस तरफ दिलाया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि पाकिस्तान की तरफ से केस की पैरवी कर रहे वकील खावर कुरैशी ने सुनवाई के दूसरे दिन जाधव के लिए गाली-गलौच वाली भाषा का प्रयोग किया। साल्वे ने कहा, 'इस कोर्ट में जिस भाषा का प्रयोग किया गया है, उसके बाद संस्था को एक सीमा तय करनी होगी। ट्रांसक्रिप्ट में जो शब्द थे वे बेशर्म, बेहूदा, अपमानजनक और घमंड जैसे शब्द थे। भारत को इस तरह की भाषा के प्रचलन पर ऐतराज है। भारत की संस्कृति मुझे ऐसी भाषा का प्रयोग करने से रोकती है।' साल्वे ने कहा कि भारत को पाकिस्तान के वकील की ओर से प्रयोग शब्दों पर आपत्ति है। जाधव के केस की सुनवाई के दूसरे राउंड में भारत की ओर से यह विरोध दर्ज कराया गया था।
पाकिस्तान के पास कोई तथ्य नहीं
साल्वे ने कहा कि किसी संप्रभु देश का अगर विरोध भी होता है तो उसके लिए प्रयोग भाषा में भी थोड़े सम्मान का ध्यान रखा जाना चाहिए। साल्वे ने अंग्रेजी की कविता की तर्ज पर कहा, 'हम्प्टी-डम्प्टी का इस कोर्ट में कोई स्थान नहीं है।' साल्वे के मुताबिक जब आप कानून पर मजबूत होते हैं आप कानून का प्रदर्शन करते हैं, जब आप तथ्यों में मजबूत होते हैं, आप तथ्य पेश करते हैं और जब आप मजबूत नहीं होते हैं तो आप टेबल पर इसका प्रदर्शन करते हैं। पाकिस्तान के पास कोई तथ्य नहीं है और भारत के पास सारे तथ्य मौजूद हैं।
आज पाक के पास आखिरी मौका
कुलभूषण जाधव इंडियन नेवी से रिटायर ऑफिसर हैं। उन्हें अप्रैल 2017 में पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट की ओर से मौत की सजा सुनाई गई थी। जाधव पर जासूसी और आतंकवाद का आरोप लगाकर उन्हें सजा दे दी गई और भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। बुधवार को भारत ने 90 मिनट तक अंतिम दलीलें आईसीजे में पेश की थीं। पाकिस्तान को भी आज 90 मिनट मिलेंगे और वह केस में अंतिम दलील पेश करेगा। आईसीजे की ओर से मई यानी गर्मियों में केस पर फैसला दिया जाएगा।
तनाव के बीच सुनवाई
सोमवार से इस केस की सुनवाई शुरू हुई है। केस की सुनवाई आईसीजे के हेडक्वार्टर पर ऐसे समय पर हो रही है जब पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच खासा तनाव है। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से हमले को अंजाम दिया गया। सीआरपीएफ के कॉन्वॉय पर हुए इस आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।