भारत ने चीन को दिए जैश और इसके सरगना मसूद अजहर की आतंकी गतिविधियों के सुबूत दिए
बीजिंग। भारत के विदेश सचिव विजय गोखले इस समय चीन के दौरे पर हैं। सोमवार को गोखले ने चीन के विदेश मंत्री वागं वाई से मुलाकात की और इस मुलाकात के दौरान उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का मुद्दा उठाया। गोखले ने चीनी विदेश मंत्री को संगठन और इसके सरगना की आतंकी गतिविधियों के सुबूत भी सौंपे। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि गोखले ने वांग वाई के साथ मुलाकात में पिछले वर्ष वुहान सम्मेलन के बाद द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति पर चर्चा की। इसके अलावा दोनों के बीच भारत और चीन के लिए उन संवेदनशील मुद्दों पर भी चर्चा की गई जो आपसी हितों से जुड़े हैं।
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विदेश सचिव मिले चीनी विदेश मंत्री से
भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इस मीटिंग के बारे में जानकारी दी गई है। विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या गोखले ने चीन के साथ यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) के 1267 नियम के तहत मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट करने पर चर्चा की थी? इस पर मंत्रालय की ओर से जवाब दिया गया है कि भारत ने चीन के सामने जैश और इसके सरगना मसूद अजहर की हर गतिविधि से जुड़े सुबूत दिए हैं। अब यह प्रतिबंध समिति और दूसरी अधिकृत संस्थाओं पर है कि वह मसूद अजहर की लिस्टिंग पर कोई फैसला ले। विदेश मंत्रालय ने कहा भारत, आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले दोषियों को सजा दिलाने के लिए जरूरी हर उपाय को आगे बढ़ाता रहेगा।
चीन को नहीं मिला अल्टीमेटम
पिछले दिनों चीन ने कहा था कि उसे जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के मुद्दे पर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से 23 अप्रैल तक का कोई भी अल्टीमेटम नहीं मिला है। ऐसी खबरें पिछले दिनों आई थीं कि अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने चीन को दो टूक कहा है कि वह मसूद अजहर पर लगाए गए टेक्निकल होल्ड को खत्म करने की एक समयसीमा तय करे। 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से ही जैश सरगना को बैन करने की मांग उठने लगी है। इस हमले की जिम्मेदारी मसूद अजहर के संगठन जैश ने ही ली थी
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