पीएम मोदी ने आखिर जीत ली हारी हुई बाजी, नौसैनिक अड्डा बनाने पर राजी हुआ सेशेल्स
नई दिल्ली। भारत और सेशेल्स के बीच नौसैनिक अड्डा बनाने को लेकर आखिरकार सोमवार को सहमति बन ही गई। मोदी सरकार के लिए इसे बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, अभी मामला सिर्फ संकेतों तक सीमित है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने सेशेल्स को 10 करोड़ डॉलर के कर्ज का ऐसा तोहफा दिया है, अब उसके लिए 'ना' कह पाना बेहद मुश्किल हो गया है। हिंद महासागर में जिबूती बेस के जरिए ताकत बढ़ा रहे चीन के लिए भारत-सेशेल्स के बीच सोमवार को हुए 6 समझौते बुरी खबर लेकर आए हैं।
समझौते पर क्या बोले पीएम नरेंद्र मोदी और सेशेल्स के राष्ट्रपति
हिंद महासागर में भारत के नेवल बेस के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम एक-दूसरे के अधिकारों की मान्यता के आधार पर 'एजम्शन आइलैंड' प्रोजेक्ट पर मिलकर काम करने को सहमत हुए हैं। दूसरी ओर सेशेल्स के राष्ट्रपति डैनी फॉरे ने कहा कि 'असम्पशन आइलैंड' प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई और हम एक-दूसरे के हितों का ध्यान रखते हुए साथ मिलकर काम करेंगे। सेशेल्स के राष्ट्रपति का यह बयान इसलिए बेहद अहम है, क्योंकि कुछ दिनों पहले उन्होंने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान कर दिया था कि जब वह भारत यात्रा पर जाएंगे तो पीएम नरेंद्र मोदी के साथ 'एजम्शन आइलैंड' प्रोजेक्ट पर कोई बात नहीं करेंगे। सेशेल्स का यह बयान जब आया था, तब भारतीय कूटनीतिकारों के खेमे में खलबली मच गई थी। इसे हिंद महासागर में भारत की हार और चीन की जीत के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन भारतीय कूटनीतिज्ञों ने हारी बाजी को पलटकर चीन की चिंता बढ़ दी है।
क्या बोले पीएम नरेंद्र मोदी
सेशेल्स के राष्ट्रपति के साथ बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों से कहा कि भारत, सेशेल्स को समुद्री सुरक्षा मजबूत करने के लिए 10 करोड़ डॉलर का कर्ज देगा। हम एक-दूसरे के अधिकारों का ध्यान रखते हुए एजम्प्शन आईलैंड परियोजना पर साथ मिलकर काम करने को सहमत हुए हैं।
बेहद अहम है भारत के लिए यह नेवल बेस
सेशेल्स के 'असम्पशन आइलैंड' में भारतीय नौसेना के बेस से हिंद महासागर में भारत को बड़ा सामरिक लाभ होगा। भारत को हिंद महासागर में ताकत बढ़ाने की जरूरत इसलिए पड़ रही है, क्योंकि चीन यहां लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है। उसने जिबूती में सैन्य अड्डा बना रखा है। ऐसे में अगर भारतीय नौसेना का अड्डा सेशेल्स में बनता है तो इससे भारत की ताकत काफी मजबूत होगी। हालांकि, अब भी यह इतना आसान नहीं है, क्योंकि सेशेल्स के साथ नौसैनिक अड्डे को लेकर लंबे समय से बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक जमीन पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
बार-बार खटाई में पड़ जाती है सेशेल्स-भारत की डील
दोनों देशों के बीच वर्ष 2015 में समझौता हुआ था कि किस तरह से वे संयुक्त तौर पर इस द्वीप को सुरक्षा के लिए इस्तेमाल करेंगे। ऐसी भी खबरें आईं कि सेशेल्स में भारतीय सेना के लिए एक हवाई पट्टी और पानी के जहाजों को खड़ा करने के लिए जेटी का निर्माण किया जाना है। हालांकि, बाद आगे इसलिए नहीं बढ़ पाई कि सेशेल्स की संसद में इस बारे में प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी और इस मामले पर राजनीति गरम हो गई। ऐसे में सेशेल्स के राष्ट्रपति पल्ला झाड़ते दिखे। उन्होंने यहां तक डाला कि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता में यह मुद्दा नहीं रहेगा।
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