ग्लोबल पावर: अमेरिकी जनरल बोले खुद को वैश्विक शक्ति के तौर पर देखने को बेकरार है भारत
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल रॉबर्ट एश्ले ने अमेरिकी सांसदों को बताया है कि भारत दुनिया में खुद को एक ग्लोबल पावर के तौर पर देखना चाहता है। उनका कहना है कि अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपनी रणनीतिक सेनाओं को एक जरूरी तत्व के तौर पर देखता है।
वॉशिंगटन। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल रॉबर्ट एश्ले ने अमेरिकी सांसदों को बताया है कि भारत दुनिया में खुद को एक ग्लोबल पावर के तौर पर देखना चाहता है। उनका कहना है कि अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपनी रणनीतिक सेनाओं को एक जरूरी तत्व के तौर पर देखता है। रॉबर्ट अमेरिकी संसद की आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के तहत आने वाली डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी के डायरेक्टर हैं। उन्होंने पिछले वर्ष भारत और चीन के बीच हुए डोकलाम विवाद के अलावा पाकिस्तान के बारे में भी अमेरिकी सांसदों को जानकारी दी है। एश्ले से पहले अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी के चीफ डैन कोट्स की ओर से भी भारत को लेकर कई अहम टिप्पणियां की गई थीं।
सेनाएं पूरा करेंगी भारत का सपना
एश्ले ने अमेरिकी सांसदों को बताया है कि भारत ने हाल ही में स्वदेशी पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को तैयार किया है और इसे इंडियन नेवी को सौंपा है। इसके अलावा अब भारत साल 2018 में एक और पनडुब्बी आईएनएस अरिघात को हासिल करने वाला है। उनका कहना कि भारत अपनी सेनाओं जो कि उसका रणनीतिक बल है, उनका प्रयोग दुनिया में ग्लोबल पावर का तमगा हासिल करने के लिए कर रहा है। एश्ले की मानें तो भारत अपनी इस जरूरत को पूरा करने के लिए अपनी सेनाओं को एक अहम तत्व के तौर पर देखता है।
जारी रहेगा सेनाओं का आधुनिकीकरण
एश्ले के मुताबिक भारत अपनी सेनाओं का आधुनिकीकरण करता रहेगा क्योंकि उसे अपने घर और हिंद महासागर क्षेत्र में अपने हितों का भी बचाव करना है। साथ ही पूरे एशिया में अपनी कूटनीतिक और आर्थिक पकड़ को और आगे बढ़ाना है। एश्ले की मानें तो भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार भारी गोलाबारी एलओसी पर जारी है। दोनों देशों के बीच रिश्ते धीरे-धीरे तनाव की ओर बढ़ रहे है और यह स्थिति गंभीर हो सकती है। एश्ले ने साल 2017 में चीन और भारत के बीच हुए डोकलाम विवाद का भी जिक्र सांसदों से किया।
डोकलाम का भी जिक्र
एश्ले ने सांसदों का बताया कि भारत और चीन के बीच भूटान और चीन बॉर्डर पर हुए तनाव ने दोनों देशों को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास सेना बढ़ाने पर मजबूर कर दिया था। एश्ले ने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि चीन और भारत दोनों ही देश साल 2018 में बॉर्डर पर सेनाओं की तैनाती में इजाफा कायम रखेंगे।
परमाणु हथियार बढ़ा रहा पाकिस्तान
एश्ले ने पाकिस्तान के बारे में कहा कि पाक काउंटर-इनसर्जेंसी ऑपरेशंस को जारी रखेगा और साथ ही वेस्टर्न बॉर्डर पर बॉर्डर मैनेजमेंट की कोशिशों की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। एश्ले ने यह भी कहा कि पाकिस्तान लगातार अपने परमाणु हथियारों और नई बैलेस्टिक मिसाइल सिस्टम में भी इजाफा कर रहा है। जनवरी 2017 में पाकिस्तान ने परमाणु क्षमता से लैस पहली बैलेस्टिक मिसाइल अदाबील का टेस्ट किया था। जुलाई में भी पाकिस्तान ने नसर मिसाइल का परीक्षण करके इस क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने की कोशिश की थी।