रूस के साथ S400 डील: क्या रूस से S400 मिसाइल खरीदने पर भारत पर भी प्रतिबंध लगाएगा अमेरिका ?
इस साल के अंत तक रूस से आधुनिक मिसाइल S400 की पहली खेप भारत पहुंचने वाली है लेकिन इस डील से पहले अमेरिका ने कहा है कि अगर भारत रूस के साथ इस डील को अंजाम देता है, तो अमेरिका तुर्की की तरह भारत पर भी प्रतिबंध लगा सकता है।
S400 deal with Russia: भारत और रूस के बीच हुए एयर डिफेंस सिस्टम S400 खरीदने की डील को लेकर भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव आ सकता है। अमेरिका भारत और रूस के बीच हुई हथियार समझौते को लेकर काफी नाराज दिख रहा है। इस डील पर अमेरिका ने कहा है कि अगर भारत रूस के साथ इस डील को अंजाम देता है, तो अमेरिका तुर्की की तरह भारत पर भी प्रतिबंध लगा सकता है। अमेरिका में अगले हफ्ते जो बाइडेन राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं, लेकिन उससे पहले ही भारत और अमेरिका के संबंधों में S400 एयर डिफेंस डील लेकर खटास आ सकती है।
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दरअसल, रूस के साथ भारत की S400 डील पर अमेरिका की तीखी नजर है। रूस के साथ भारत ने 5.5 बीलियन डॉलर का एयर डिफेंस सिस्टम डील कर रखा है, जिसे लेकर अमेरिकी प्रशासन ने कहा है, कि भारत को इस डील के लिए कोई अतिरिक्त छूट नहीं दी जा सकती है, और अगर ये डील अंजाम तक पहुंचता है, तो भारत पर तुर्की की तरह प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
डील कैंसिल कर राजनयिक संकट से बचे भारत-अमेरिका
ट्रंप प्रशासन ने भारत से कहा है कि भारत रूस के साथ 5.5 बीलियन डॉलर का ये करार रद्द कर दे, ताकि अमेरिका के साथ उसके राजनयिक संबंधों में खटास ना आए। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका ने साफ कहा है कि अगर भारत रूस के साथ इस डील को जारी रखता है, तो अमेरिका अपने 2017 के यूएस कानून के तहत उसपर प्रतिबंध लगा देगा।
ट्रंप
प्रशासन
का
कार्यकाल
अगले
हफ्ते
खत्म
हो
रहा
है,
लेकिन
इस
बात
की
उम्मीद
बेहद
कम
है
कि
बायडेन
प्रशासन
रूस-भारत
डील
को
लेकर
कोई
नरमी
दिखाए।
जो
बायडेन
पहले
ही
साफ
कर
चुके
हैं
कि
रूस
को
लेकर
उनकी
पॉलिसी
ट्रंप
के
मुकाबले
और
ज्यादा
कड़ा
होने
वाला
है।
अमेरिका
ने
भारत-रूस
डिफेंस
डील
को
लेकर
अपने
एक
बयान
में
कहा
है,
कि
'हम
अपने
सभी
साझेदारों
के
साथ
यह
स्पष्ट
करना
चाहते
हैं,
कि
रसिया
के
साथ
अगर
कोई
समझौता
किया
जाता
है,
तो
अमेरिका
CAATSA
कानून
के
तहत
उस
'मित्र'
देश
पर
प्रतिबंध
लगाने
से
नहीं
हिचकेगा''
S400 डील पर नहीं झुकेगा भारत
पिछले एक साल से भारत का अपने पड़ोसी देश चीन के साथ के साथ काफी तनावपूर्ण संबंध चल रहे हैं, लिहाजा भारत जल्द से जल्द S400 की डिलिवरी चाह रहा है। वहीं, समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका के सामने नई दिल्ली ने साफ कर दिया है, कि वो एयर डिफेंस सिस्टम डील को लेकर रूस के साथ अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए डील किया है, और भारत को दुनिया के किसी भी देश के साथ रक्षा समझौते करने का अधिकार है, लिहाजा रूस के साथ ये डील कैंसिल नहीं होने वाली है।
भारतीय
विदेश
मंत्रालय
के
प्रवक्ता
अनुराग
श्रीवास्तव
ने
दो
टूक
कहा
है
कि
'भारत
और
अमेरिका
के
बीच
एक
वैश्विक
और
व्यापक
साझेदारी
है,
लेकिन
रूस
के
साथ
भी
विशेष
और
विशेषाधिकार
प्राप्त
रणनीतिक
साझेदारी
है।
भारत
की
विदेश
नीति
हमेशा
से
स्वतंत्र
रही
है,
जो
रक्षा
खरीद
और
रक्षा
समझौतों
पर
भी
लागू
होती
है''
यानि,
भारत
ने
अमेरिका
के
सामने
साफ
कर
दिया
है,
कि
भारत
रूस
के
साथ
एयर
डिफेंस
डील
रद्द
नहीं
करने
वाला
है।
ऐसे
में
अंदाजा
लगाया
जा
रहा
है,
कि
बायडेन
प्रशासन
के
शुरूआती
दौर
में
भारत-अमेरिका
संबंधों
में
मनमुटाव
आ
सकता
है।
क्या है S400 एयर डिफेंस डील
भारत
ने
रूस
के
साथ
5.5
अरब
डॉलर
की
एयर
डिफेंस
डील
की
है।
जिसके
तहत
भारत
रूस
से
5
मिलाइल
सिस्टम
खरीदेगा।
2019
में
भारत
रूस
को
मिसाइल
सिस्टम
खरीदने
के
लिए
800
मीलियन
डॉलर
की
एडवांस
पेमेंट
कर
चुका
है।
और
मिसाइल
सिस्टम
का
पहला
सेट
इस
साल
अंत
तक
भारत
पहुंच
जाने
की
संभावना
है।
रूस
हमेशा
से
भारत
का
रणनीतिक
साझेदार
रहा
है,
साथ
ही
भारत
अब
तक
रूस
से
ही
हथियार
खरीदता
रहा
है।
लेकिन,
पिछले
एक
दशक
से
भारत
सरकार
ने
अमेरिका
और
इजरायल
से
हथियार
खरीदने
को
प्राथमिकता
दी
है।
आपको
बता
दें,
कि
1971
की
लड़ाई
में
जब
अमेरिका
ने
पाकिस्तान
का
साथ
देने
का
एलान
कर
दिया
था,
उस
वक्त
पूरी
दुनिया
में
रूस
ही
था
जो
भारत
की
मदद
के
लिए
आगे
आया
था।
और
पाकिस्तानियों
के
अरमान
पर
पानी
फिर
गया
था।
रसिया
के
साथ
हुए
इस
डील
को
लेकर
अमेरिका
ने
कहा
है,
कि
भारत
के
पास
अभी
भी
वक्त
है,
कि
वो
रूस
के
साथ
डील
कैंसिल
कर
भारत-अमेरिका
संबंध
खराब
होने
से
बचा
ले।
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