साल 2050 तक चीन की जनसंख्या से 25% ज्यादा होगी भारत की आबादी, सीनियर सिटीजंस होंगे ज्यादा और बच्चों की संख्या होगी कम
वॉशिंगटन। भारत और चीन दोनों प्रतिद्वंदी हैं लेकिन साल 2050 तक एक क्षेत्र में भारत, चीन को पीछे छोड़ देगा। यह तरक्की काफी नकारात्मक है और इस पर अगर ध्यान नहीं दिया गया तो शायद हम बाकी क्षेत्रों में बहुत पीछे रह जाएंगे। अमेरिका के वॉशिंगटन स्थित एनजीओ पॉपुलेशन रिफ्रेंस ब्यूरो (पीआरबी) की ओर से जो आंकड़ें जारी किए गए हैं उसके मुताबिक भारत की जनसंख्या साल 2050 तक चीन की जनसंख्या की तुलना में 25 प्रतिशत ज्यादा होगी। सिर्फ इतना ही नहीं साल 2030 के मध्य तक भारत की आबादी चीन की आबादी से आठ प्रतिशत ज्यादा होगी। ये भी पढ़ें-चीनी मीडिया ने कहा भारत-चीन के बिगड़े संबंधों के लिए दोषी हैं पीएम मोदी
साल 2050 तक चीन की आबादी होगी कम
पीआरबी ने साल 2018 के लिए जनसंख्या से जुड़े जो आंकड़ें जारी किए हैं, उसके मुताबिक भारत और चीन की जनसंख्या वर्तमान समय में क्रमश: 1.37 और 1.39 बिलियन है। साल 2030 के मध्य तक भारत की जनसंख्या के 1.53 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है जबकि साल 2050 तक जनसंख्या 1.68 बिलियन पहुंच जाएगी। अगर चीन की बात करें तो साल 2030 के मध्य तक यहां की आबादी 1.42 बिलियन होगी तो साल 2050 तक आबादी 1.34 बिलियन होगी। यानी चीन की जनसंख्या में 20 साल में कमी आ जाएगी।
चीन से आगे निकलेगा भारत
पीआरबी की मानें तो अगर भारत, दुनिया के सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश के तौर पर चीन की जगह ले लेगा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं होगा कि इसकी जनसांख्यिकीय में कोई बदलाव नहीं होगा। पीआरबी के मुताबिक जनसांख्यिकीय बदलाव वह प्रक्रिया जिसमें आर्थिक विकास के साथ किसी देश में मृत्यु और जन्म दर में कमी आ जाती है। क्योंकि मृत्यु दर में जन्म दर की तुलना में जल्दी कमी आएगी, इसलिए शुरुआत में जनसंख्या में काफी तेजी से इजाफा होगा।
बच्चों की संख्या में आएगी कमी
वहीं पीआरबी के इन आंकड़ों पर अगर यकीन करें तो साल 2050 तक देश में सीनियर सिटीजंस यानी वरिष्ठ नागरिकों की संख्या वर्तमान समय की तुलना में दोगुनी हो जाएगी। देश की जनसंख्या अगले तीन दशकों में बढ़ेगी लेकिन अगले 32 वर्षों के अंदर देश में 15 वर्ष की उम्र से कम उम्र वाले बच्चों की संख्या में 20 प्रतिशत तक की कमी आएगी। वहीं 65 वर्ष की आयु से ज्यादा वाले नागरिकों की संख्या में तेजी से इजाफा होगा।