भारत ने चीन को दिया संदेश- बॉर्डर पर शांति, रिश्तों में मजबूती के लिए जरूरी
बीजिंग। भारत और चीन ने गुरुवार को बॉर्डर पर शांति और स्थिरता में हो रही प्रगति का जायजा लिया। अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई अनौपचारिक मुलाकात के बाद दोनों देशों की ओर से सीमा विवाद पर एक अहम मीटिंग हुई। अप्रैल में जब मोदी और जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी तो दोनों देश इस बात पर राजी हुई थे कि बॉर्डर पर शांति बरकरार रखने के लिए सेनाओं को रणनीतिक तौर पर निर्देश दिए जाएंगे। दोनों देशों के अधिकारी चीन के शहर चेंगदू में इकट्ठा हुए थे जो चीन के दक्षिण पश्चिम प्रांत सिचुआन की राजधानी है। गुरुवार को जो मीटिंग हुई है वह बॉर्डर मामलों पर दोनों देशों के बीच 21वीं मुलाकात थी।
चीन ने नहीं दी कोई जानकारी
बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास की ओर से जारी आधिकारिक बयान में इस मीटिंग से जुड़ी जानकारियां दी गई। बयान में कहा गया है, 'दोनों देशों के अधिकारियों की ओर से वुहान समिट के दौरान दोनों देशों के नेताओं की ओर से बॉर्डर के इलाकों में सेनाओं को दिए गए रणनीतिक निर्देशों के तहत प्रभावशाली तरीके से प्रबंधन पर बात हुई।' अधिकारियों ने उन उपायों पर भी चर्चा की जिसके तहत दोनों देशों के बीच आपसी भरोसे और समझदारी को बढ़ाया जा सकेगा। बयान में यह भी कहा गया है कि भारत ने बॉर्डर पर शांति और स्थिरता पर जोर दिया क्योंकि संबंधों की बेहतरी के लिए यह बहुत जरूरी है। हालांकि अभी तक चीन की ओर से इस पूरे मसले पर कोई जानकारी नहीं दी गई है।