12 वर्ष बाद अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में जी20 सम्मेलन में साथ आए भारत, चीन और अमेरिका
ब्यूनस आयर्स। 30 दिसंबर से अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में एक ऐसी बात भी देखने को मिली जो पिछले 12 वर्षों से संभव नहीं हो सकी थी। इस सम्मेलन से अलग भारत, रूस और चीन तीन देशों के बीच त्रिपक्षीय मुलाकात हुई। तीनों देशों ने आखिरी बार साल 2006 में त्रिपक्षीय मीटिंग की थी। जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन साल 2008 से हो रहा है। इस सम्मेलन में दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश हिस्सा लेते हैं। यह भी पढ़ें-जब G20 में एक मूक बच्चे ने पोप को भी मुस्कुराने पर कर दिया मजबूर, देखिए दिल को छूने वाला VIDEO
पिछले वर्ष मिले थे विदेश मंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बीच समिट से इतर एक मुलाकात हुई। इस मुलाकात में तीनों नेताओं ने कई क्षेत्रों पर आपसी सहयोग के मुद्दे पर चर्चा की। इस मीटिंग को रिक RIC (रशिया, इंडिया, चाइना ) नाम दिया गया। हालांकि पिछले वर्ष भारत, चीन और रूस के विदेश मंत्रियों के बीच एक त्रिपक्षीय मुलाकात हुई थी। राष्ट्राध्यक्ष स्तर पर 12 वर्षों के बाद इस तरह की मीटिंग हुई है। आपको बता दें कि चीन और रूस दोनों ही देशों पर इस समय अमेरिका की ओर से कई मुद्दों की वजह से दबाव बना हुआ है।
संपर्क को और गहरा करने की कोशिश
रूस, भारत और चीन की मुलाकात से पहले भारत, जापान और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय मुलाकात हुई थी। पीएम मोदी ने जापानी पीएम शिंजो आबे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ त्रिपक्षीय मुलाकात में हिस्सा लिया। यह तीनों देशों की पहली त्रिपक्षीय मुलाकात थी। रिक पर पीएमओ की ओर से ट्वीट किया गया और कहा गया, 'अपने बहुमूल्य साझीदरों के साथ संपर्क को और गहरा कर रहे हैं। राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन, राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्यूनसआयर्स में RIC त्रिपक्षीय मीटिंग में हिस्सा लिया।'
जापान, अमेरिका और भारत भी मिले
इससे पहले भारत, जापान और अमेरिका ने त्रिपक्षीय मुलाकात में वैश्विक और बहुपक्षीय हितों पर चर्चा की। यह मीटिंग ऐसे समय हुई जब चीन इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में लगातार अपनी ताकत को बढ़ा रहा है। इस त्रिपक्षीय मुलाकात में भारत ने इंडो-पैसिफिक को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने का वादा दोहराया। पीएम मोदी ने मीटिंग के बाद कहा, 'भारत साझा मूल्यों के लिए साथ मिलकर काम करता रहेगा।' जापान, अमेरिका और भारत की इस त्रिपक्षीय मीटिंग JAI नाम दिया गया। पीएम मोदी ने इस पर कहा कि आप इन तीनों देशों के लिए प्रयुक्त पहले अक्षर को देखेंगे तो मिलकर 'जय' शब्द को तैयार करते हैं जिसका मतलब हिंदी में सफलता होता है।