क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

दो दशकों में पहली बार नहीं हुआ India-Russia शिखर सम्मेलन, कहीं QUAD तो वजह नहीं ?

Google Oneindia News

नई दिल्ली। India-Russia Bilateral Summit: दो दशकों में ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत और रूस के बीच होने वाली वार्षिक शिखर बैठक आयोजित नहीं हो पाई है। ये इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि हाल ही में रूस ने भारत के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सक्रियता बढ़ाने और क्वॉड (QUAD) में शामिल होने को लेकर अपनी गंभीर चिंताएं जाहिर की हैं।

अमेरिका से बढ़ती नजदीकियों से रूस परेशान

अमेरिका से बढ़ती नजदीकियों से रूस परेशान

भारत और रूस दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को लेकर 2000 से लगातार हर साल शिखर बैठक करते आ रहे हैं। 2000 में दोनों देशों के बीच 'रणनीतिक साझेदारी घोषणा' पर सहमति बनी थी। बाद में रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान 2010 में इन संबंधों को रणनीतिक साझेदारी से बदलकर 'विशेष सम्मानित रणनीतिक साझेदारी नाम' दिया गया था। ये पहला मौका है जब 20 सालों में ये बैठक नहीं हो पाई है।

अमेरिका और भारत की बढ़ती नजदीकियों से रूस चिंतित है। अपनी इन चिंताओं को वह कई मौकों पर बयानों के जरिए भी जाहिर कर चुका है। हालांकि दोनों देशों के बीच इस वर्ष कई उच्चस्तरीय यात्राएं हुई हैं। बावजूद इसके संबंधों में तनाव अब साफ दिखाई देने लगा था। हाल ही में रूस ने कहा था कि अमेरिका भारत को चीन के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए नजदीकी बढ़ा रहा है। वहीं रूस के भारत के दूसरे देशों के संबंधों पर टिप्पणी को लेकर भारत में भी कुछ असंतोष है।

हाल ही में रूस ने पाकिस्तान के साथ सैनिक अभ्यास किया था। इसे लेकर रूसी विदेश मंत्री से सवाल पूछा गया था कि क्या रूस अब भारत की जगह पाकिस्तान के करीब जा रहा है। तब रूसी प्रतिनिधि ने कहा था कि पाकिस्तान से संबंधों को लेकर भारत को चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

वर्चुअल शिखर सम्मेलन भी नहीं हो पाया संभव

वर्चुअल शिखर सम्मेलन भी नहीं हो पाया संभव

द प्रिंट की एक खबर के मुताबिक द्विपक्षीय शिखर सम्मलेन अगले साल की शुरुआत में आयोजित हो सकता है। भारत और रूस के बीच अब तक 20 शिखर बैठकें आयोजित हुई हैं। आखिरी शिखर बैठक सितम्बर 2019 में हुई थी जिसमें हिस्सा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्लादिवोस्तोक (Vladivostok) पहुंचे थे। इसके पहले 2018 में नई दिल्ली में आयोजित बैठक में राष्ट्रपति पुतिन ने हिस्सा लिया था। पुतिन को इस बार भी दिल्ली पहुंचना था।

खबर के मुताबिक दोनों देशों के बीच सितम्बर-अक्टूबर के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन कराने की योजना बनी थी लेकिन ये भी नहीं हो पाया। जबकि रूस ने भारत और चीन के बीच लद्दाख में सीमा पर चल रहे तनाव को शांत करने में मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश भी की थी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की जून और फिर सितम्बर में मॉस्को यात्रा के दौरान रूस ने भारत के साथ एलएसी की स्थिति को लेकर चर्चा की थी।

सितम्बर में आरआईसी (रूस-भारत-चीन) बैठक के दौरान रूस के प्रयासों से ही भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री के बीच अलग से बैठक हुई थी। आरआईसी के साथ ही रूस एससीओ और ब्रिक्स का भी अध्यक्ष है। इन सभी संगठनों की बैठकें अच्छे माहौल में हुई हैं।

पीएम मोदी ने दूसरे देशों के साथ की है बैठक

पीएम मोदी ने दूसरे देशों के साथ की है बैठक

दूसरी तरफ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस साल कई राष्ट्राध्यक्षों के साथ वर्चुअल बैठकें की हैं। इनमें आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मारिसन, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ शिखर बैठक कर चुके हैं। ऐसे में रूस के साथ बैठक न होने से दोनों देशों में संबंधों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

यहां तक कि जब 2014 में यूक्रेन संकट के दौरान क्रीमिया टूटकर रूस से जा मिला था और रूस की पश्चिमी देश आलोचना कर रहे थे तब भी दोनों देशों के बीच शिखर बैठक आयोजित हुई थी। रूस ने भारत को क्रीमिया के मुद्दे पर संयम और निष्पक्षता के लिए धन्यवाद भी दिया था।

Russia india relations: पाक से बढ़ती नजदीकियों पर रूस का बड़ा बयान, कहा-भारत को चिंतित होने की जरूरत नहींRussia india relations: पाक से बढ़ती नजदीकियों पर रूस का बड़ा बयान, कहा-भारत को चिंतित होने की जरूरत नहीं

Comments
English summary
India-Russia Bilateral Summit first time not held in two decades
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X