आतंकी संगठनों को मिल सकते हैं रासायनिक हथियार, भारत ने UNSC में दोहराई चिंता
रासायनिक हथियारों के आतंकी संगठन और अवांछनीय तत्वों के हाथ लगने की किसी भी संभावना को लेकर भारत ने अपनी चिंता यूएनएससी में दोहराई है।
यूएनएसी, दिसंबर 09: यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में भारत ने एक बार फिर से आतंकी संगठनों ने रासायनिक हथियारों की पहुंच को लेकर गहरी चिंता जताई है। भारत ने बुधवार को सीरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में आतंकवादी समूहों और व्यक्तियों तक रासायनिक हथियारों तक पहुंच प्राप्त करने की संभावना के बारे में अपनी चिंता दोहराई है।
रासायनिक हथियार पर चिंता
यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की ब्रीफिंहग के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के काउंसलर प्रतीक माथुर ने आतंकी संगठनों तक रासायनिक हथियार की पहुंच को लेकर गहरी चिंता जताई है। माथुर ने कहा कि, "भारत बार-बार आतंकवादी संस्थाओं और व्यक्तियों के रासायनिक हथियारों तक पहुंच की संभावना के खिलाफ आगाह करता रहा है"। उन्होंने कहा कि भारत रासायनिक हथियार सम्मेलन (सीडब्ल्यूसी) को अत्यधिक महत्व देता है, और इसके पूर्ण, प्रभावी और गैर-भेदभावपूर्ण कार्यान्वयन के लिए खड़ा है। यूनाइटेड नेशंस की तरफ से एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि सीडब्ल्यूसी कन्वेंशन का उद्देश्य रासायनिक हथियारों के विकास, उत्पादन, अधिग्रहण, भंडारण, प्रतिधारण, हस्तांतरण या उपयोग पर रोक लगाकर सामूहिक विनाश के हथियारों की एक पूरी श्रेणी को खत्म करना है।
रासायनिक हथियारों के खिलाफ भारत
यूएनएससी में अपने संबोधन के दौरान माथुर ने यह भी कहा कि भारत किसी भी परिस्थिति में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ है। माथुर ने कहा कि, "भारत किसी के द्वारा, कहीं भी, किसी भी समय और किसी भी परिस्थिति में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ है।" उन्होंने कहा कि, "हमने लगातार कहा है कि रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की कोई भी जांच निष्पक्ष, विश्वसनीय और वस्तुनिष्ठ होनी चाहिए।" इंडियन काउंसलर ने ऑर्गनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वेपन्स एंड सीरिया से भी इस मामले में रचनात्मक रूप से काम करने का आग्रह किया।
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