भारत ने चीन को उसी के घर में दी पटखनी, प्रोजेक्ट को नहीं दिया समर्थन
चिंगदाव। शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पड़ोसी देश चीन की कोशिशों को बड़ा झटका दिया है। भारत ने शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) में चीन की महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड परियोजना का समर्थन नहीं किया है। एससीओ के दो दिवसीय सम्मेलन की समाप्ति पर जारी घोषणापत्र में कहा गया है कि रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिजस्तान और तजाकिस्तान ने चीन के बेल्ट ऐंड रोड इनिशटिव को अपने समर्थन की पुष्टि की है। चीन ने इस परियोजना के लिए करीब 80 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से समझौता कर रखा है।
चीन के OBOR प्रोजेक्ट पर मोदी ने कहा, 'भारत ऐसी हर परियोजना का स्वागत करता है, जो समावेशी, मजबूत और पारदर्शी हो। साथ ही जो सदस्य देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करती हो।' साथ ही चीन को पारदर्शिता और संप्रभुता के सम्मान करने की नसीहत भी दी। दरअसल, चीन की यह परियोजना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से गुजरती है, जिसका भारत कड़ा विरोध करता आ रहा है। भारत इसको अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है। भारत का कहना है कि PoK उसका अभिन्न हिस्सा है, जहां से उसकी इजाजत के बिना चीन कोई ऐसा निर्माण कार्य नहीं कर सकता है।
भारत ने कहा है कि वह किसी ऐसे प्रॉजेक्ट को स्वीकार नहीं कर सकता जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर उसकी मुख्य चिंता को अनदेखा करता हो। चीन ने 2013 में इस परियोजना की रूपरेखा पेश की थी जिसका लक्ष्य दक्षिणपूर्वी एशिया, सेंट्रल एशिया, गल्फ रीजन, अफ्रीका और यूरोप को रोड और सागर के नेटवर्क से जोड़ना है।
मोदी ने अपने संबोधन में अफगानिस्तान के जरिए बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान आतंकवाद का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है। उन्होंने कहा, उम्मीद है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश में शांति के लिए जो साहसिक कदम उठाए हैं, क्षेत्र में सभी लोग इसका सम्मान करेंगे।