चीनी ऐप पर प्रतिबंध के बाद अब भारत ने UN में उठाया हांगकांग का मुद्दा
नई दिल्ली। पिछले साल हांगकांग में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद पहली बार भारत ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में मानवाधिकार को मुद्दा उठाया है। भारत ने अपने बयान में कहा है कि सभी संबंधित पक्षों को इस मुद्दे को उचित, गंभीर और वस्तुगत तरीके से सुलझाना चाहिए। भारत द्वारा चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने के बाद बीजिंग को कूटनीतिक स्तर पर घेरने की शुरुआत कर दी है। हांगकांग में चीन के नए सुरक्षा कानून पर चुप्पी साधने वाले भारत ने इशारों में इस कानून पर सवाल उठाए हैं।
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संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजीव कुमार चंदर ने जेनेवा में आयोजित हुए मानवाधिकार परिषद के 44वें सत्र में दिए अपने बयान में कहा, 'हांगकांग में भारतीय समुदाय की एक बड़ी आबादी बसती है जिसे देखते हुए भारत हालिया घटनाक्रमों पर करीब से नजर बनाए हुए है। हमने इन घटनाक्रमों को लेकर चिंता जाहिर करने वाले कई बयानों के बारे में सुना है। हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए उचित तरीके से इस मुद्दे को सुलझाएंगे।
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की बैठक में भारत ने कहा कि हांगकांग को स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन बनाना चीन का घरेलू मामला है, लेकिन भारत हाल की घटनाओं पर करीबी नजर रखे हुए है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 27 देशों ने चीन द्वारा हांगकांग में लाए गए नए सुरक्षा कानून पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है।
ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका-जापान-भारत के गठजोड़ में भारत ही इकलौता ऐसा देश था जिसने अभी तक हांगकांग मुद्दे पर बयान नहीं दिया था। लेकिन अब इस मुद्दे पर भारत के दिए गए बयान को चीन के खिलाफ कूटनीतिक दबाव के रूप में देखा जा रहा है।
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