UNSC अध्यक्ष बनते ही भारत ने किया बड़ा ऐलान, दोस्त फ्रांस-रूस का मिला साथ, तिलमिलाया चीन पाकिस्तान
भारत ने आज से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया है। लेकिन, भारत के एजेंडे से चीन और पाकिस्तान तिलमिला गया है, जबकि भारत को दोस्त देशों का साथ मिल गया है।
नई दिल्ली/इस्लामाबाद, अगस्त 01: भारत ने आज से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल ली है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली मंच की अध्यक्षता आज से एक महीने तक भारत करेगा और ताजपोशी के साथ ही भारत ने यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल के मंच से ऐसा ऐलान कर दिया है कि पाकिस्तान तिलमिला गया है, वहीं चीन भी टेंशन में आ गया है। सबसे खास बात ये है कि भारत को दोस्त इजरायल का साथ मिल गया है, जिससे पाकिस्तान की बौखलाहट और बढ़ गई है।
सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बना भारत
आपको बता दें कि भारत को एक महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल के 15 अस्थाई सदस्यों में पाकिस्तान नहीं है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष बनने के साथ ही भारत ने वैश्विक नीति को लेकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टीएस तिरूमूर्ति ने कहा है कि भारत का कदम तीन लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में है। उन्होंने कहा कि ''हमारी अध्यक्षता के दौरान भारत तीन उच्च स्तरीय सिग्नेचर बैठकों का आयोजन करेगा। जिनमें समुद्री सुरक्षा, शांति स्थापना और आतंकवाद का मुकाबला करना प्रमुख हैं।
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भारत के प्रमुख मुद्दे
भारत शांति सैनिकों की याद में एक गंभीर कार्यक्रम का भी आयोजन करेगा। इसके साथ ही भारत ने कहा कि ''सुरक्षा परिषद के एजेंडे में सीरिया, इराक, सोमालिया, यमन और मध्य पूर्व के मामलों को लेकर महत्वपूर्ण बैठकें होंगी। इसके साथ ही सुरक्षा परिषद, लेबनान में सोमालिया, माली को लेकर संयुक्त राष्ट्र के महत्वपूर्ण प्रस्तावों को अपनाएगी''। अगले एक महीने के दौरान भारत जिन मुद्दों को उठाएगा, उनमें दो ऐसे मुद्दे हैं, जिनसे चीन और पाकिस्तान तिलमिला गया है। चीन को 'समुद्री सुरक्षा' के मुद्दे पर मिर्ची लगी है तो आतंकवाद और कश्मीर को लेकर पाकिस्तान लाल हो गया है।
भारत अध्यक्ष, तिलमिलाया पाकिस्तान
भारत ने जैसे ही आतंकवाद का मुद्दा उठाया, ठीक वैसे ही पाकिस्तान बौखला गया। दरअसल, अफगानिस्तान में लगातार पाकिस्तान आतंकियों की सप्लाई कर रहा है और तालिबान को भी हथियार और पैसे पहुंचा रहा है और अफगानिस्तान के लिए अगला एक महीना काफी महत्वपूर्ण है, ऐसे वक्त में भारत का सिक्योरिटी काउंसिल का अध्यक्ष बनना पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका है। लिहाजा, पाकिस्तान ने फिर से एक बार कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ''हम आशा करते हैं कि इस महीने यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल का अध्यक्ष बनने के बाद भारत निष्पक्ष काम करेगा''। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि ''हम उम्मीद करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र के नियमों के तहत ही भारत कदम उठाएगा''।
तालिबान को लेकर फंसा पाकिस्तान
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज चौधरी ने कहा कि '' अब जब भारत ने इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संभाल लिया है, हम भारत को एक बार फिर से याद दिलाना चाहते हैं कि वो जम्मू और कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने के अपने कानूनी दायित्व कों पूरा करे। पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस एक महीने के दौरान भारत अपने कार्यक्रमों से चीन और पाकिस्तान को काफी परेशान कर सकता है, खासकर तब जब अफगानिस्तान में पाकिस्तान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान अगले एक महीने कर सुरक्षा परिषद में कश्मीर का मुद्दा नहीं उठा सकता है। वहीं, भारत अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका को उठाकर उसे मुश्किल में डाल सकता है। डॉन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ''संयोग से भारत ने जिस वक्त सिक्योरिटी काउंसिल का अध्यक्ष पद संभाला है, वो वक्त अफगानिस्तान के लिहाज से महत्वपूर्ण है और चूंकी भारत तालिबान को महत्व नहीं देता है, लिहाजा पाकिस्तान के लिए भारत संकट खड़ा कर सकता है।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि ''तालिबान को लेकर भारत पाकिस्तान पर नकेल कस सकता है, जिससे अफगानिस्तान की शांति वार्ता पर असर पड़ेगा''।
चीन क्यों तिलमिलाया, जानिए
भारत अगले एक महीने तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष रहेगा और इस एक महीने के दौरान चीन को डर है कि समुद्री सुरक्षा को लेकर भारत उसे घेर सकता है। वहीं, भारत ने जिन तीन सबसे अहम प्वाइंट्स को सामने रखा है, उसमें सबसे ऊपर समुद्री सुरक्षा है और माना जा रहा है कि समुद्री कानून को बार-बार तोड़ने वाले चीन को ध्यान में रखते हुए ही भारत ने अपना एजेंडा तैयार किया है। खासकर साउथ चायना सी में इस वक्त विश्व की कई बड़ी शक्तियां आमने सामने हैं। ताइवान की सुरक्षा के लिए अमेरिकन और जापानी जहाज भी साउथ चायना सी में मौजूद है, ऐसे में माना जा रहा है कि सिक्योरिटी काउंसिल में चीन को भारत बड़ा झटका दे सकता है।
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दोस्तों का मिला साथ
यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में भारत को बेहद अहम जिम्मेदारी मिलने के बाद चीन और पाकिस्तान के खिलाफ फ्रांस और रूस का साथ मिल गया है। खासकर रूस ने 'समुद्री सुरक्षा' को लेकर भारत को पूर्ण समर्थन देने की घोषणा कर दी है। भारत स्थिति रूसी दूतावास के राजदूत ने अपने ट्वीट में कहा है कि ''संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की जिम्मेदारी संभालने के लिए भारत को बधाई और रूस भारत के एजेंडे से काफी इम्प्रेस है। भारत ने अपने एजेंडे में वैश्विक मुद्दों को शामिल किया है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण समुद्री सुरक्षा, शांति की स्थापना और आतंकवाद का विरोध है। हम आशा करते हैं कि हम इन मुद्दों को संबोधित करने में सफल होंगे। हम इस कामयाबी के लिए भारत को बधाई देते हैं। वहीं, फ्रांस की सरकार ने भी भारत को पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया है। रूस, फ्रांस और अमेरिका से समर्थन मिलना भारत को इसलिए भी जरूरी था क्योंकि ये तीनों देश सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले एक महीने चीन और पाकिस्तान के लिए आतंकवाद फैलाना और समुद्र में मनमर्जी करना संभव नहीं होने वाला है।
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