मालदीव के राजदूत ने चीन को बताया खोया हुआ चचेरा भाई, बयान बढ़ा सकता है भारत की मुश्किलें
चीन में मालदीव के राजदूत मोहम्मद फैसल ने चीन को उस चचेरे भाई की तरह बताया है जो काफी समय पहले खो गया था और अब कई वर्षों बाद जाकर मिला है। मालदीव के राजदूत की ओर से आया नया बयान भारत की चिंताओं में इजाफा कर सकता है।
बीजिंग। चीन में मालदीव के राजदूत मोहम्मद फैसल ने चीन को उस चचेरे भाई की तरह बताया है जो काफी समय पहले खो गया था और अब कई वर्षों बाद जाकर मिला है। मालदीव के राजदूत की ओर से आया नया बयान भारत की चिंताओं में इजाफा कर सकता है। फैसल ने इस बयान के साथ ही एक बार साफ कर दिया है कि उनका देश भारत की चिंताओं के बावजूद चीनी प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाता रहेगा। फैसल ने यह बयान हांगकांग से निकलने वाले अखबार साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को दिए इंटरव्यू में कही है।
हमेशा मदद को तैयार रहता है चचेरा भाई
मोहम्मद फैसल ने कहा, 'भारत एक भाई की तरह है लेकिन चीन एक ऐसा चचेरा भाई है जो बहुत वर्षों पहले खो गया था लेकिन अब जाकर मिला है। एक ऐसा भाई जो हमेशा हमारी मदद को तैयार रहता है।' फैसल ने यह बात उस समय कही जब मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन ने 45 दिनों के बाद देश में लगे आपातकाल को खत्म करने का ऐलान किया है। फैसल ने कहा कि भारत हमारा भाई है और हम एक परिवार की तरह है। एक ऐसा परिवार जहां पर हमेशा झगड़े होते हैं और बहस होती है लेकिन अंत में हम एक साथ बैठकर इन मतभेदों को दूर करते हैं। फैसल ने दावा किया कि मालदीव ने भारत से कई प्रोजेक्ट्स को लेकर इच्छा जताई लेकिन कभी जरूरी पैसे नहीं मिले। चीन मालदीव को हिंद महासागर में मैरीटाइम सिल्क रोड प्लान प्रोजेक्ट के लिए एक अहम हिस्सेदार मानता है। इस वजह से चीन ने मालदीव में कई निवेश किए हैं। आपको बता दें कि मालदीव पर जो विदेशी कर्ज है उसमें से 70 प्रतिशत कर्ज अकेले चीन का ही है।
मालदीव में खत्म हो चुकी है इमरजेंसी
चीन ने मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन को अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद मिलिट्री सहयोग दिया और इसी सहयोग की वजह से वह संकट के समय में भी सत्ता पर बरकरार रह सके थे। पिछले माह मालदीव में संकट की शुरुआत उस समय हुई जब यहां के सुप्रीम कोर्ट ने नौ विपक्षी नेताओं को रिहा करने के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि इन नेताओं के खिलाफ चल रहे ट्रायल राजनीतिक मंशा से प्रेरित हैं। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद यमीन ने देश में आपातकाल लगा दिया था। इस आपातकाल के बाद सुप्रीम कोर्ट के जजों समेत पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि यमीन को चीन की तरफ से समर्थन मिल रहा है और इस वजह से वह देश विरोधी फैसले ले रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद जो कि निर्वासन में हैं उन्होंने भारत से हालातों में हस्तक्षेप करने की अपील की थी। फैसल ने साफ कर दिया है कि मालदीव किसी भी विदेश सैन्य संस्थानों को देश में स्थापित नहीं होने देगा, भले वह चीन हो या फिर कोई और देश हो।