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स्पेशल रिपोर्ट: जो बाइडेन सरकार में क्या ईरान से कच्चा तेल खरीद पाएगा भारत?

डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से तेल खरीदने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी, जिसके बाद भारत ने ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया। अब भारत उम्मीद जता रहा है कि जो बाइडेन का रूख ईरान से तेल खरीदने पर नरम हो सकता है

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नई दिल्ली: अमेरिका में डोनल्ड ट्रंप (Donald Trump) सरकार की विदाई के साथ ही राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। ऐसे में जो बाइडन प्रशासन से भारत को कई उम्मीदें हैं। भारत को सबसे बड़ी उम्मीद कच्चे तेल(Crude Oil) के आयात (Import) को लेकर है। अब भारत सरकार उम्मीद जता रही है कि बाइडेन प्रशासन उसे ईरान और वेनेजुएला से कच्चे तेल की खरीद पर कोई एतराज नहीं जताएगा। जबकि, इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) सरकार के दवाब के बाद भारत ने ईरान और वेनेजुएला से कच्चे तेल की आपूर्ति बेहद सीमित कर दी थी। पूरी दुनिया में भारत कच्चे तेल की आयात करने वाला तीसरा देश है और ईरान से भारत सरकार के अच्छे ताल्लुकात और कम दूरी होने की वजह से कम कीमत पर कच्चा तेल मिलता था, लेकिन ईरान और अमेरिकी विवाद की वजह से डोनाल्ड ट्रंप ईरान से तेल खरीदने पर कड़ा रूख अपनाते हुए चीन और भारत से कहा था कि अगर ईरान से ये देश कच्चा तेल खरीदते हैं, तो अमेरिका इन देशों पर प्रतिबंध लगा देगा।

CRUDE OIL

क्या अब भारत ईरान से खरीद पाएगा कच्चा तेल?

भारत सरकार का कहना है कि कच्चे तेल का उत्पादन करने वाले जितने ज्यादा राष्ट्र होंगे भारत के लिए उतना अच्छा होगा। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय राजनीति की वजह से भारत को ईरान से तेल नहीं खरीदने के लिए बाध्य होने पड़ा। भारत के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि 'अमेरिका में बाइडेन सरकार आने के बाद भारत सरकार उम्मीद कर रही है कि अमेरिका का रूख ईरान को लेकर थोड़ा बदलेगा'।

क्या भारत में महंगाई और बढ़ने वाली है?

दरअसल, दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था ऊर्जा आयातों पर बहुत अधिक निर्भर है। ईरान से तेल खरीदना भारत सरकार के लिए मुफीद सौदा साबित होता है। लेकिन, ईरान और वेनेजुएला को लेकर अमेरिका की आक्रामक नीति की वजह से भारत के रिफाईनरी उद्योग को ज्यादा कीमतों पर कच्चे तेल का आयात करने के लिए बाध्य होना पड़ता है। वहीं, कोविड 19 की वजह से सऊदी अरब ने कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की घोषणा कर दी है, जिसे लेकर भारत के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अपनी नाराजगी भी जाहिर की है। धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि 'कच्चे तेल की उत्पादन कम करने को लेकर सऊदी अरब के अचानक लिए गये फैसले ने भारत की परेशानी बढ़ा दी है। सऊदी अरब के फैसले की वजह से भारत सरकार की कई औद्योगिक प्लानिंग को बड़ा झटका लगा है। साथ ही भारत में महंगाई और बढ़ने की चिंता भी पेट्रोलियम मंत्री ने जाहिर की है'

ईरान से कितना कच्चा तेल खरीदता था भारत?

भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा ईरान से खरीदता था। भारत ईरान से कच्चा तेल आयात करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश था। लेकिन, अमेरिकी प्रतिबंध के बाद भारत ने ईरान से कच्चा तेल खरीदना रोक दिया था। वहीं, अमेरिकी धमकियों के बाद वेनेजुएला से कच्चा तेल की आयात करने में भी भारत ने आधा से ज्यादा कटौती की है। 2019 में भारत ने जहां वेनेजुएला से 15.9 मिलियन कच्चा तेल आयात करता था, लेकिन 2020 में वेनेजुएला से भारत ने सिर्फ 7.65 मिलयन टन ही तेल खरीदा।

अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते भारत ने ईरान से तेल खरीदना बंद कर दिया है। आंकड़ों के मुताबिक, ईरान ने 2018-19 में भारत को 2.36 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति भारत को की। वहीं, 2017-18 में भारत ने ईरान से 2.25 करोड़ टन कच्चा तेल खरीदा था। वहीं भारत ने UAE से 2018-19 में 1.74 करोड़ टन तेल की आपूर्ति की थी।

इराक से सबसे ज्यादा तेल खरीदता है भारत

भारत अपनी जरूरत का सबसे ज्यादा कच्चे तेल की आपूर्ति इराक से करता है। 2017-18 से पहले भारत तेल के लिए सबसे ज्यादा सऊदी अरब पर निर्भर रहता था। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ कॉमर्शियल इंटेलीजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स (DGCIS) के आंकड़ों के मुताबिक इराक ने 2018-2019 वित्तवर्ष में भारत को 4.66 करोड़ टम कच्चा तेल बेचा। यह 2017-18 के मुकाबले 2 प्रतिशत ज्यादा था।

भारत सरकार को उम्मीद

फिलहाल भारत को कच्चे तेल के लिए अमेरिका, इराक और सऊदी अरब पर कच्चे तेल के लिए निर्भर रहना पड़ता है। खासकर अमेरिका से कच्चा तेल खरीदना भारतीय तेल कंपनियों के लिए काफी महंगा होता है। यानि आप समझ सकते हैं कि भारत के लिए ईरान से कच्चा तेल नहीं खरीदना कितना महंगा सौदा साबित हो रहा है। ऐसे में भारत सरकार उम्मीद जता रही है कि अमेरिका का नया प्रशासन ईरान को लेकर नरम होगा और ईरान से कच्चे तेल के व्यापार पर लगाया गया प्रतिबंध हटाएगा ताकि भारत से उभरते हुए इकोनॉमी को सस्ता तेल मिल सके।

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English summary
Will India be able to buy crude oil from Iran under Joe Biden government?
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