कश्मीर मसले पर भारत को मिला फ्रांस का भी साथ, पाकिस्तान को राष्ट्रपति एमैनुअल मैंक्रो की दो टूक
चैन्टिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के दौरे पर हैं, इस दौरान पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने साझा बयान जारी किया है। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति ने कश्मीर मुद्दे पर खुलकर भारत का साथ दिया है। मैक्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे कश्मीर के बारे में सबकुछ बताया है, वहां किस तरह के हालात हैं, इस बारे में भी जानकारी दी है। मैंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को मिलकर एक साथ इस समस्या का समाधान ढूंढ़ना होगा, किसी भी तीसरे पक्ष को इसमे हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और ना ही यहां हिंसा को भड़काना चाहिए।
पुलवामा पर जताया दुख
यही नहीं राष्ट्रपति मैक्रों ने 14 फरवरी को पुलवामा में हुई घटना पर भी दुख जाहिर किया। उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ एक साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। डिफेंस के क्षेत्र में हमारे संबंध और मजबूत हुए हैं, इस क्षेत्र में हमारे संबंध इस बात को साबित करते हैं कि हमारे बीच के संबंध कितने मजबूत हैं और हम एक दूसरे पर कितना भरोसा करते हैं। हमने मेक इन इंडिया में मदद की भी सहमति जताई है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि हमने पीएम मोदी के साथ डिजिटल, साइबर सेक्युरिटी, अफ्रीका सहित कई मुद्दों पर बात की, हमे इन मसलो पर एक साथ काम करने की जरूरत है।
पाक प्रधानमंत्री से करूंगा बात
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे हाल ही में लिए गए तमाम फैसलों के बारे में जानकारी दी जोकि भारत ने अपनी संप्रभुता के लिए लिए हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि यह काफी जरूरी है कि जम्मू कश्मीर में शांति बरकरार रहे। हम हमेशा शांति और बातचीत चाहेंगे। मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से भी कुछ दिन में बात करूंगा और कहूंगा कि बातचीत द्वीपक्षीय ही होनी चाहिए। वहीं साझा बयान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि फ्रांस और भारत ना सिर्फ अच्छी बात कर रहे हैं बल्कि कुछ अहम कदम भी उठा रहे हैं। पिछले दो दशकों से भारत और फ्रांस रणनीतिक राह पर आगे बढ़ रहे हैं।
जी-7 में भारत की उपस्थिति जरूरी
मैक्रों ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा पीएम बनने के बाद पहली बार उनसे मिल रहा हूं, मैं आपको जीत की बधाई देता हूं, यह इस बात को दर्शाता है कि भारत का लोकतंत्र कितना अच्छा है। इसके अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि हमने जी-7 पर एक दूसरे से बात की, मैं चाहता था कि भारत इसका हिस्सा बने, मैंने जी-7 के कुछ हिस्से को बदल दिया है, क्योंकि कई ऐसे मसले हैं जिसमे भारत के बिना आगे नहीं बढ़ा जा सकता है, कई अहम मसले हैं जिसमे भारत की उपस्थिति काफी जरूरी है।