पीओके में कट्टरपथियों ने बौद्ध धरोहर को पहुंचाया नुकसान, भारत ने लगाई फटकार
नई दिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में एतिहासिक बौद्ध धरोहरों की तोड़फोड़ और ध्वस्त किए जाने की घटना सामने आई है। भारत ने इस घटना पर नाराजगी व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान में धार्मिक, सांस्कृतिक अधिकारों को बुरी तरह कुचला जा रहा है। इस तरह की गतिविधियां काफी निंदनीय हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा 'हमने पाकिस्तान से एक बार फिर कहा है वह अवैध रूप से कब्जा किए सभी क्षेत्रों को तत्काल रूप से खाली कर दे और वहां रहने वाले लोगों के सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों का उल्लंघन करना बंद करे। हमने भारत के हिस्से 'गिलगित-बाल्टिस्तान' में स्थित एक अमूल्य भारतीय बौद्ध स्थल के अपमान और तोड़फोड़ को लेकर कड़ी आपत्ति और चिंता जताई है।
उन्होंने कहा कि, प्राचीन सभ्यता और सांस्कृतिक विरासतों का अपमान करने वाली ऐसी घटनाएं बहुत निंदनीय हैं। हमने इस अमूल्य पुरातात्विक धरोहर को पुनर्स्थापित करने और इसे संरक्षित करने के लिए इसके विशेषज्ञों के इस क्षेत्र में तत्काल जाने देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, यह गंभीर चिंता का विषय है कि भारत में आने वाले उन हिस्सों में, जहां पाकिस्तान का अवैध कब्जा है, बौद्ध स्मारकों को नष्ट किया जा रहा है
उन्होंने कहा कि, उस इलाके में रहे रहे लोगों के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों और स्वतंत्रता का हनन किया जा रहा है। यह क्षेत्र भारत के हिस्से में आता है लेकिन पाकिस्तान ने इस पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। रिपोर्टों पीओके में कट्टरपंथियों ने बौद्ध रॉक पर बनी नक्काशियों के साथ तोड़फोड़ की है। उन्होंने रॉक-आर्ट पर नारे लिखे और पाकिस्तान के झंडे को पेंट किया। यह पहली बार नहीं जब कट्टरपंथियों द्वारा इस तरह की घटना को अंजाम दिया गया है।
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