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वुहान समिट के बाद डोकलाम को भूला बेहतर संबंधों के लिए आगे बढ़े भारत-चीन

नौ और 10 जून को चीन के शहर किंगदाओ में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन समिट यानी एससीओ का आयोजन होना है। इस समिट से पहले चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने कहा है कि भारत और चीन के रिश्तों में काफी बदलाव आया है।

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बीजिंग। नौ और 10 जून को चीन के शहर किंगदाओ में शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन समिट यानी एससीओ का आयोजन होना है। इस समिट से पहले चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने कहा है कि भारत और चीन के रिश्तों में अप्रैल में वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन में राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात के बाद काफी बदलाव आया है। आपको बता दें कि 27-28 अप्रैल को पीएम मोदी और चीनी राष्‍ट्रपति जिनपिंग के बीच चीन के हुबई प्रांत के शहर वुहान में अनौपचारिक मुलाकात हुई थी। 10 घंटों के अंदर दोनों नेता छह बार मिले थे।

बेहतर संबंधों के लिए आगे बढ़े हैं दोनों देश

बेहतर संबंधों के लिए आगे बढ़े हैं दोनों देश

बंबावले ने कहा, 'भारत और चीन के रिश्‍ते वुहान समिट के बाद काफी बदल गए हैं। दोनों देश अब डोकलाम संकट को भूलकर बेहतर संबंधों के लिए आगे बढ़ चुके हैं।' बंबावले ने ही कुछ माह पहले बयान दिया था कि अगर चीन ने एलएसी पर यथास्थिति में कोई भी बदलाव किया तो फिर दोनों देशों के बीच एक और डोकलाम विवाद पैदा हो सकता है। उस समय बंबावले ने कहा था कि इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए दोनों देशों को खुलकर बातचीत करनी चाहिए। भारत और चीन की सेनाएं 16 जून से 73 दिनों तक डोकलाम में आमने-सामने थीं। यह विवाद 28 अगस्‍त को जाकर खत्‍म हो सका था। डोकलाम पर चीन अपना हक जताता है और भूटान इसे अपना हिस्‍सा बताता है।

पाकिस्‍तान के साथ वार्ता नहीं

पाकिस्‍तान के साथ वार्ता नहीं

चीन से अलग बंबावले ने पाकिस्‍तान पर भी बात की। उन्‍होंने कहा कि न तो भारत और न ही पाकिस्‍तान की ओर से एससीओ समिट के दौरान किसी औपचारिक मुलाकात का अनुरोध किया गया है। नेता समिट से अलग बात कर सकते हैं लेकिन कोई भी औपचारिक वार्ता या मुलाकात इस दौरान नहीं होगी। भारत और पाकिस्‍तान को इस वर्ष से से एससीओ में फुल मेंबरशिप मिली है। कई लोगों का मानना है कि भारत की सदस्‍यता के लिए रूस ने जोर दिया था तो पाकिस्‍तान को चीन का समर्थन मिला था।

फिर से होगी जिनपिंग और पुतिन से मोदी की मीटिंग

फिर से होगी जिनपिंग और पुतिन से मोदी की मीटिंग

एससीओ की स्‍थापना साल 2001 में रूस, चीन, कीर्ग रिपब्लिक, कजाखिस्‍तान, तजाकिस्‍तान और उजबेकिस्‍तान के राष्‍ट्रपतियों ने शंघाई में की थी। पीएम मोदी यहां पर इस समिट से अलग चीनी राष्‍ट्रपति जिनपिंग और रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमिर पुतिन से द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। पुतिन ने समिट के शुरू होने से पहले कहा है कि भारत, चीन और रूस शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी एससीओ के बड़े खिलाड़ी हैं।पुतिन ने कहा था कि आठ सदस्‍यों वाला यह संगठन जिसे चीन, रूस और दूसरे देशों के बीच बॉर्डर से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए बनाया गया था, अब इससे बहुत आगे आ गया है।

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English summary
Indian Ambassador to China Gautam Bambawale has said that India China relations have transformed after Wuhan Summit ahead of SCO summit.
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