बड़ा फैसला: आतंकवाद के खिलाफ ज्वाइंट मिशन पर भारत, चीन और पाकिस्तान की आर्मी
इस साल भारत, पाकिस्तान और चीन के जवान एक साथ आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त अभ्यास करने वाले हैं।
बीजिंग: इस साल भारत, पाकिस्तान और चीन के जवान एक साथ आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त अभ्यास करने वाले हैं। ये अभियान शंघाई सहयोग संगठन के तहत है जिसमें भारत, पाकिस्तान और चीन के जवान हिस्सा लेंगें। शंघाई सहयोग संगठन के तहत आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ अभ्यास चलाया जाता है जिसमें भारत, पाकिस्तान और चीन के साथ कई और देश हिस्सा लेने वाले हैं। जिसमें सभी देश मिलकर आतंकवाद के खिलाफ एंटी टेरर युद्धाभ्याल चलाएंगे।
एंटी टेरर युद्धाभ्यास
भारत, पाकिस्तान और चीन समेत शंघाई सहयोग संगठन यानि एससीओ के दूसरे सदस्य देश भी सामूहिक तौर पर एंटी टेरर एक्सरसाइज चलाएंगे। शंघाई सहयोग संगठन में आठ देश हैं। शंघाई सहयोग संगठन की तरफ से कहा गया है कि उज्बेकिस्तान के ताशकंद में 18 मार्च को क्षेत्रीय आतंकवाद निरोधक ढांचा परिषद यानि आरटीएस की 36वीं बैठक में संयुक्त अभ्यास करने का फैसला लिया गया है। इस युद्धाभ्यास को 'पब्बी-एंटी टेरर 2021' नाम दिया गया है। एससीओ के सदस्य देशों के डेलिगेट्स में 18 मार्च को हुई इस बैठक में आतंकवाद, अलगाववाग और उग्रवाद से लड़ने के लिए 2022 ले 2024 तक सामूहिक तौर पर एक कार्यक्रम चलाने के मसौदे को मंजूरी दी है।
आतंकवाद के खिलाफ अभ्यास
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक आरटीएस ने अपने बयान में कहा है कि 'इस अभियान के तहत टेरेरिस्ट फंडिंग चैनल्स की पहचान करना और उन्हें बंद करने के मकसद से एससीओ देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर फैसला लिया गया है'। शिन्हुआ न्यूज के मुताबिक शंघाई सहयोग संगठन में भारत, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, चीन, किर्गीज गणराज्य, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान सदस्य देश हैं। और इनमें से ज्यादातर देश आतंकवाद से प्रभावित रहे हैं। और बैठक में सभी देशों के प्रतिनिधियों और आरटीएस की कार्यसमिति ने हिस्सा लिया। आरटीएस का हेडऑफिस ताशकंद में है जो एससीओ का स्थायी अंग है। एससीओ आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद जैसी समस्याओं के खिलाफ आपसी सहयोग बढ़ाने पर काम करता है।