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अमेरिका और जापान के साथ साउथ चाइना सी में पहुंचा भारत, चीन का बीपी हाई

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टोक्‍यो। दक्षिण चीन सारग (South China Sea) में इस समय भारतीय नौसेना (Indian Navy) अपने पूरे लाव-लश्‍कर के साथ पहुंची थी। निश्चित तौर पर भारत की इस विवादित हिस्‍से में होना चीन के लिए बड़ा सिरदर्द है। भारत के अलावा यहां पर तीन और देशों की नौसेनाएं मौजूद थीं- अमेरिका, जापान और फिलीपींस। चार देशों की नौसेनाओं ने साउथ चाइना सी में एक बड़े नौसेना अभ्‍यास (Naval Drill) को अंजाम दिया है। गौरतलब है कि चीन हमेशा साउथ चाइना सी को अपना हिस्‍सा बताता है। फिलीपींस और अमेरिका पहले ही उसके दावे को मानने से इनकार कर देते हैं और अब भारत की मौजूदगी उसके लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।

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अमेरिका की ओर से दी गई जानकारी

अमेरिका की ओर से दी गई जानकारी

ऐसे समय में जब अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर जारी है, दक्षिणी चीन सागर में नेवेल ड्रिल ने एक अजीब सी हलचल मचाकर रखी है। यूएस नेवी का गाइडेड मिसाइल डेस्‍ट्रॉयर, जापान का एयरक्राफ्ट कैरियर और इं‍डियन नेवी की दो वॉरशिप्‍स के अलावा फिलीपींस का एक गश्‍ती जहाज इन दिनों साउथ चाइना सी में मौजूद हैं। गुरुवार को यूएस नेवी की ओर से इस बात की आधिकरिक पुष्टि की गई है। पहले भी साउथ चाइना सी पर इस तरह की ड्रिल होती रही हैं लेकिन चार देशों का एक साथ आना, चीन के लिए नई चुनौती है।

अमेरिका ने दी है चीन को धमकी

अमेरिका ने दी है चीन को धमकी

ऐसे समय में जब अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने चीनी सामानों पर 200 बिलियन डॉलर तक का शुल्‍क लगाने की धमकी दी है, उसके बीच ही यह नेवी ड्रिल एक तरह से चीन का ब्‍लड प्रेशर बढ़ाएगी। अमेरिकी नेवी के डेस्‍ट्रॉयर यूएसएस विलियम पी लॉरेंस के कैप्‍टन कमांडर एंड्रयू जे क्‍लग ने कहा कि अमेरिका के मित्रों, साथियों और साझेदार देशों के साथ इस क्षेत्र में नए मौकों को आगे बढ़ाना और एक मजबूत संबंध पर ध्‍यान देना इस ड्रिल का अहम मकसद है।

चीन ने किया विरोध

चीन ने किया विरोध

इंडियन नेवी की ओर से डेस्‍ट्रॉयर आईएनएस कोलकाता और टैंकर आईएनएस शक्ति को साउथ चाइना सी पर डेप्‍लॉय किया गया। वहीं जापान ने अपना दो सबसे बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर यहां पर भेजे। बुधवार को यह एक्‍सरसाइज खत्‍म हो गई है। यह ड्रिल उस समय हुई जब अमेरिका ने अपनी दो और वॉ‍रशिप्‍स को यहां उन द्वीपों पर भेजा था जिस पर चीन अपना हक जताता है।इसके बाद चीन ने इस संप्रभुता का उल्‍लंघन बताकर अमेरिका का विरोध भी किया था। अमेरिकी नेवी का कहना है कि इस तरह की अंतरराष्‍ट्रीय जलक्षेत्र में सबको आजादी होती है कि वह ऐसी एक्‍सरसाइज को कर सके। अमेरिका की मानें तो बिना राजनीतिक विचार-विमर्श के चीन इस क्षेत्र पर अपना तक जताता है।

हिंद महासागर से दूर चीनी नौसेना

हिंद महासागर से दूर चीनी नौसेना

भारत में रक्षा सूत्रों की ओर से अभी एक दिन पहले ही जानकारी दी गई है कि सितंबर 2017 से चीन ने हिंद महासागर में किसी भी तरह से घुसपैठ करने की कोशिश नहीं की है। इस दावे के साथ ही चीन के नौसेना की क्षमताओं पर भी सवाल खड़े होने शुरू हो गए थे। रक्षा सूत्रों की ओर से कहा गया था कि चीन की कोई भी परमाणु या फिर पारंपरिक पनडुब्‍बी ने हिंद महासागर में घुसपैठ करने की हिमाकत नहीं की है। आखिरी बार चीनी पनडुब्‍बी अगस्‍त 2018 में भारतीय जल सीमा क्षेत्र के करीब आई थी। लेकिन वह सुनादा स्‍ट्रेट्स से वापस अपनी सीमा में लौट गई थी।

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English summary
Four countries including India, US, Japan and Philippines are challenging China with naval drills in South China Sea.
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