जेनेवा: भारत ने पाकिस्तान को दिया नया नाम 'Special Terrorist Zone,' जानिए इसका मतलब
भारत ने जब यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में पाकिस्तान को 'टेररिस्तान' नाम दिया था तो वह नाम काफी लोकप्रिय हुआ था। अब भारत ने पाकिस्तान को गुरुवार को एक और नया नाम दिया है और एक बार फिर भारत की ओर से पाक को दिए गए इस टाइटल की चर्चा हो रही है। भारत ने पाकिस्तान को इस बार 'स्पेशल टेररिस्ट जोन' कहा है।
जेनेवा। भारत ने जब यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में पाकिस्तान को 'टेररिस्तान' नाम दिया था तो वह नाम काफी लोकप्रिय हुआ था। अब भारत ने पाकिस्तान को गुरुवार को एक और नया नाम दिया है और एक बार फिर भारत की ओर से पाक को दिए गए इस टाइटल की चर्चा हो रही है। भारत ने पाकिस्तान को इस बार 'स्पेशल टेररिस्ट जोन' कहा है। भारत ने यह टाइटल पाक के लिए जेनेवा में जारी यूनाइटेड नेशंस राइट्स काउंसिल (यूएनएचआरसी) के सम्मेलन में दिया। भारत ने इस टाइटल के साथ ही एक बार फिर दुनिया को पाकिस्तान की हकीकत बताने की कोशिश की है।
क्या है स्पेशल टेररिस्ट जोन का मललब
भारत ने 'स्पेशल इकोनॉमिक जोन' की तर्ज पर पाकिस्तान को 'स्पेशल टेररिस्ट जोन' का टाइटल दिया है। स्पेशल इकोनॉमिक जोन देश के अंदर वह हिस्सा होता है जहां पर बिजनेस के लिए कई तरह के सहूलियतें होती हैं और ये सहूलियतें देश के बाकी हिस्सों से ज्यादा इस हिस्से में होती है। स्पेशल टेररिस्ट जोन का प्रयोग भारत ने पाकिस्तान में मौजूद सुरक्षित आतंकी पनाहगाहों के लिए और आतंकवादियों को यहां मिलते समर्थन की वजह से किया है। यूएनएचआरसी में भारत के स्थायी मिशन में सेकेंड सेक्रेटरी मिनी देवी कुमाम ने कहा, 'हम परिषद से अपील करते हैं कि वह पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर हो रही घुसपैठ पर ध्यान दे, यहां मौजूद स्पेशल टेररिस्ट जोन, आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने के लिए सही कदम उठाए। साथ ही टेरर फाइनेंसिग को भी रोके।'
पिछले वर्ष भारत ने दिया नाम टेररिस्तान
कुमाम ने यह बात उस समय कही जब पाकिस्तान की ओर से आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर में भारत की सेनाएं मानवाधिकारों को उल्लंघन कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा, 'आतंकवाद, मानवाधिकार का सबसे बड़ा हनन है।' कुमाम ने यहां पर कहा कि जम्मू कश्मीर राज्य में सबसे बड़ा समस्या आतंकवाद की है। पाकिस्तान की ओर से इस समस्या को और बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत ने पिछले वर्ष सितंबर में यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (यूएनजीए) में कहा था, 'पाकिस्तान अब 'टेररिस्तान' है जहां पर आतंकवाद की इंडस्ट्री पनप रही है और दुनिया भर में यहां से आतंकवाद प्रयोजित हो रहा है।' भारत की इस टिप्पणी को न सिर्फ साउथ एशिया मीडिया बल्कि ब्रिटिश और अमेरिकी मीडिया ने भी काफी तवज्जो दी थी। इससे ठीक एक वर्ष पहले भारत ने पाकिस्तान को 'आइवी लीग ऑफ टेररिज्म' करार दिया था जहां भारत के खिलाफ आतंकियों को प्रयोग करने के लिए उन्हें वित्तीय मदद और हर तरह की मदद मुहैया कराई जा रही थी।
Ivy League of Terrorism
भारत ने साल 2016 में यूएनजीए में कहा था, 'तक्षशिला की जमीन, जो पुराने समय में शिक्षा का एक महान केंद्र था, अब आतंकियों के अड्डे में बदल गई है। अब इस 'आईवी लीग ऑफ टेररिज्म' में दुनिया भर से आतंकियों को आकर्षित करने की ताकत है।' भारत की ओर से आगे कहा था कि यहां से निकला जहर पूरी दुनिया में फैल रहा है। गुरुवार को भारत की ओर से यूएनएचआरसी में कहा गया है कि जेनेवा मंच को अपने गलत आरोपों के लिए प्रयोग करना अब पाकिस्तान की आदत बन चुकी है। वह इस मंच से जम्मू कश्मीर पर गलत तरीके के आरोप लगाता रहता है। कुमाम ने कहा कि पाकिस्तान मानवाधिकार और इससे जुड़ी चिंताओं की आड़ में जम्मू कश्मीर में प्रयोजित आतंकवाद को छिपाने का प्रयोग कर रहा है। कुमाम ने यहां पर इस बात का भी जिक्र किया कैसे पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
पाकिस्तान में हो रही हत्याएं
कुमाम ने जेनेवा में यूएनएचआरसी से अपील की कि परिषद को पाकिस्तान में हो रहे मानवाधिकारों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि यहां पर बलूचिस्तान, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और साथ ही पीओके में लगातार लोगों के मानवाधिकार हनन हो रहा है। कुनान का इशारा पाक के इन हिस्सों पाक सरकार और सेना की ओर से जारी हत्याओं और लोगों के रहस्यमय तरीके से गायब होने की घटनाओं की ओर था।