UN में टेरर फंडिंग पर पास हुआ बड़ा प्रस्ताव, भारत ने पाकिस्तान को बताया आतंकियों का मददगार
न्यूयॉर्क। भारत ने आतंकवाद पर लगाम लगाने में बड़ा रोल अदा करने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्ट फोर्स (एफएटीएफ) को पहचान देने से जुड़े यूनाइटेड नेशंस (यूएन) के एक प्रस्ताव का समर्थन किया है। यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि ऐसे देश जो आतंकियों के लिए नरम हैं और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं, उन पर यह प्रस्ताव नियंत्रण लगा सकेगा। यह प्रस्ताव यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (यूएनएससी) में शुक्रवार को पास किया गया है।
क्या है प्रस्ताव का मकसद
इस प्रस्ताव का मकसद आतंकी संगठनों को मिलने वाली फंडिंग यानी आर्थिक मदद को रोकना है। प्रस्ताव के पास होने के बाद ऐसे देश जो आतंकी फंडिंग को बढ़ावा देते हैं, उनके खिलाफ यूएन एक्शन ले सकेगा। सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि आतंकी आज फंडिंग के लिए नए तरीके अपना रहे हैं और साजिशों को सफलतापूर्वक अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि आतंकी आज हर नियम तोड़ रहे हैं और कुछ देश उनकी मदद करने के हर पल तैयार हैं। अकबरुद्दीन ने कहा अंतरराष्ट्रीय समुदाय अगर एक्शन के लिए मन बनाता है तो भारत इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।
अकबरुद्दीन ने एफएटीएफ की भी तारीफ की। यह प्रस्ताव ऐसे समय में पास हुआ है जब अमेरिका की ओर से जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट करने के लिए नया प्रस्ताव लाया गया है। भारत इन कोशिशों में लगा हुआ है कि जैश के सरगना पर कुछ लगाम लग सके। भारत की कोशिशों को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का समर्थन हासिल है। चीन ने वीटो पावर का प्रयोग कर इस प्रस्ताव में चौथी बार अड़ंगा लगा दिया था। यह भी पढ़ें-बडगाम में आतंकियों के पास से फिर मिली अमेरिका की खतरनाक स्नाइपर राइफल एम4