न चीन न पाकिस्तान पिछले पांच वर्षों में भारत ने खरीदे सबसे ज्यादा हथियार
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाला देश है भारत। 2012 से 2016 तक दुनिया में हथियार खरीद का 13 प्रतिशत भारत के हिस्से।
स्टॉकाहोम। स्वीडन के स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया का ऐसा देश है जिसने पांच वर्षों में सबसे ज्यादा हथियार खरीदे। भारत ने इस मामले में चीन और पाकिस्तान को भी पीछे छोड़ दिया है।
कोल्ड वॉर के बाद सबसे ज्यादा हथियार
सिपरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 1990 के बाद से पिछले पांच वर्षों में हथियारों की बिक्री सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई। 90 का दशक वह दशक था जब दुनिया ने कोल्ड वॉर और गल्फ वॉर को देखा था। इस रिपोर्ट में कहा गया है वर्ष 2012-2016 के बीच पूरी दुनिया में जितने हथियार खरीदे गए उसमें भारत का योगदान 13 प्रतिशत का रहा। सिपरी की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में हथियारों की होड़ पिछले पांच वर्षों में 27 सालों के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब ने वर्ष 2012 से 2016 के बीच, पांच वर्षों के पहले की तुलना में 212 प्रतिशत ज्यादा हथियारों का सिपरी जो कि दुनिया का माना हुआ थिंक टैंक है, उसका मानना है कि भारत में हथियार निर्माण की अच्छी सुविधाएं ना होने के कारण भारत आगे भी बहुत बड़ा आयातक बना रहेगा। पाकिस्तान की बात अगर करें तो उसने वर्ष 2012 से 2016 के बीच 3.3 प्रतिशत हथियाार खरीदे तो चीन ने 7.1 प्रतिशत हथियारों का आयात किया।
अमेरिका सबसे बड़ा निर्यातक
भारत के बाद सऊदी अरब, यूनाइटेड अरब अमीरात (यूएई), चीन और अल्जीरिया का स्थान था। वहीं सऊदी अरब ने इस दौरान हथियारों की कुल बिक्री का 8.2 प्रतिशत खरीदा। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने कुल आयात का करीब 68 प्रतिशत रूस से लिया। सऊदी अरब ने सबसे ज्यादा हथियार अमेरिका से आयात किए। इस देश के आधे से ज्यादा हथियार अमेरिका से आए जबकि बाकी ब्रिटेन और स्पेन से। वहीं चीन, यूएई और अल्जीरिया भी अन्य बड़े हथियार आयातक देश हैं। मीडिल ईस्ट में वहां इन पांच वर्षों में कुल वैश्विक आयात का 29 प्रतिशत हिस्सा पहुंचा। निर्यात करने वाले देशों को देखें तो पिछले पांच वर्षों में कुल निर्यात का 33 प्रतिशत अकेले अमेरिका ने किया। अमेरिका ने दुनिया के 100 से भी अधिक देशों को अपने हथियार बेचे। फाइटर जेट्स और मिसाइल डिफेंस सिस्टम की सबसे ज्यादा मांग अमेरिका से रही। रूस ने करीब 50 देशों को अपने हथियार बेचे। वैश्विक निर्यात में इन पांच सालों में रूस का 23 प्रतिशत हिस्सा रहा।