जानिए क्या है UNHRC जिसके लिए चार वर्ष बाद हुआ भारत का चुनाव
जेनेवा। शुक्रवार को भारत के लिए एक अच्छी खबर आई जब भारी वोटों से उसने यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल यानी यूएनएचआरसी का चुनाव जीता। भारत ने यह चुनाव ऐसे समय में जीता है जब लगातार उस पर जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन का आरोप लग रहा है। भारत को सभी उम्मीदवारों की तुलना में सबसे ज्यादा वोट्स इस सीट के लिए हासिल हुए थे। इस रेस में भारत के अलावा और जो देश शामिल थे उनमें बांग्लादेश, बहरीन, फिलीपींस और फिजी के नाम अहम थे। यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में भारत के स्थायी राजदूत सैयद अकबरूद्दीन ने चुनाव जीतने पर यूएन में भारत के सभी दोस्तों का शुक्रिया अदा किया। जानिए क्या है यूएनएचआरसी और क्या है इसका रोल साथ ही भारत का चुना जाना देश के लिए कितना फायदेमंद होगा।
शरणार्थियों के लिए सबसे बड़ी संस्था
यूएनएचआरसी को सबसे पहले द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शरणार्थियों की मदद के लिए बनाया गया था। साल 1950 में इसकी स्थापना हुई और उस समय इसे यूएनएचसीआर यानी यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीस कहा गया। यूएनएचआरसी, यूएन की एक मानवाधिकार संस्था है जिसका मिशन दुनियाभर में मानवाधिकारों को बढ़ाना और इनकी रक्षा करेगा। 15 मार्च 2006 को एक प्रस्ताव पास करके इसकी स्थापना हुई। इसकी स्थापना से पहले यूएन कमीशन ऑन ह्यूमन राइट्स यानी यूएनसीएचआर अपना काम कर रहा था। संगठन 47 सदस्यों का चुनाव होता है और हर तीन वर्ष के लिए सदस्यता मिलती है। इस संस्था को काफी आलोचनाओं का समाना करना पड़ा और इसकी जगह पर यूएनएचआरसी को लाया गया। यूएनएचआरसी हाई कमिश्नर ऑफ ह्यूमन राइट्स यानी ओएचसीएचआर के साथ मिलकर काम करता है।
भारत को क्या होगा फायदा
भारत पहली बार इस संस्था के लिए साल 2006 में चुना गया था और उस वर्ष इसे एक वर्ष के लिए चुना गया था। इसके बाद साल 2007, 2011 और फिर 2014 में भारत को तीन वर्ष के लिए चुना गया था। भारत सात बार यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल यानी यूएनएससी का अस्थायी सदस्य रहा है। साथ ही वह जी4 का भी सदस्य है। यूनाइटेड नेशंस ने की आम महासभा यानी उंगा में हुए वोट में भारत को 193 में से 188 वोट हासिल हुए थे। यह किसी भी सदस्य को मिले सबसे ज्यादा वोट्स थे। चुनाव के बाद भारत चीन, पाकिस्तान और नेपाल की लीग मे आ गया है जिन्हें पूर्व में तीन वर्ष के लिए चुना जा चुका है। उंगा में मानवाधिकार के लिए 18 देशों को चुना गया है।
कैसे काम करता है यूएनएचआरसी
यूएनएचआरसी, यूएन के सदस्य देशों में होने वाले मानवाधिकार के आरोपों की जांच करता है। साथ ही साथ मानवाधिकार के मुद्दे जैसे अभिव्यक्ति की आजादी, धर्म और विश्वास की आजादी, महिलाओं के अधिकारी, एलजीबीटी के अधिकार और नस्लीय और पारंपरिक समुदायों से जुड़े मुद्दों को भी देखता है। यूएन के दिवंगत पूर्व महानिदेशक कोफी अन्नान, पूर्व महासचिव बान की मून, संस्था के पूर्व अध्यक्ष दोरु कोस्टेआ, यूरोपियन यूनियन, कनाडा और अमेरिका ने हालांकि यूएनएचआरसी पर इजरायल और फिलीस्तीन के अलावा कुछ और मुद्दों को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। इस संगठन का हेडक्वार्टर स्विट्जरलैंड के जेनेवा में है और जुलाई में इसके 38वें सत्र का समापन हुआ है।
कुछ और खास आंकड़ें
- कितने लोगों की जिम्मेदारी-33,924,630
- कुल कितना खर्च-1.88 बिलियन डॉलर
- कितने देश हैं हिस्सा-125
- दुनियाभर में कितने ऑफिस-378
- रेगुलर स्टाफ मेंबर्स-6,314
- फील्ड में कितने स्टाफ मेंबर्स-5,438
- कितने एनजीओ शामिल-687