UNSC में भारत ने लगाई पाकिस्तान को फटकार, कहा- सरकारी संरक्षण में छुट्टा घूम रहे हैं मुंबई हमले के आतंकी
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बहस के दौरान कहा कि, मुंबई 2008 हमले में शामिल साजिशकर्ता अभी भी पाकिस्तान सरकार के संरक्षण में हैं।
नई दिल्ली, जनवरी 26: भारत ने यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में एक बार फिर से पाकिस्तान को फटकार लगाई है और पूरी दुनिया के सामने पाकिस्तान के आतंकवाद प्रेम को उजागर किया है। भारत ने यूएनएससी में कहा है कि, 2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले के साजिशकर्ता अभी भी पाकिस्तान में सरकारी संरक्षण में छुट्टा घूम रहे हैं और पाकिस्तान यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल के मंच का इस्तेमाल भारत के खिलाफ 'झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार' के लिए किया है।
पाकिस्तान को फटकार
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान भारत ने सदस्य देशों के सामने पाकिस्तान को पानी- पानी करते हुए कहा कि, "हम आज नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा कर रहे हैं। आज नागरिकों के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवादियों से आता है। जैसा कि हमने पहले उल्लेख किया है, 2008 में मुंबई में हुए जघन्य आतंकी हमले के अपराधियों को उस राज्य का संरक्षण प्राप्त है जिसका वह प्रतिनिधित्व करता है।" संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 'सशस्त्र संघर्ष में नागरिकों की सुरक्षा' पर बहस के दौरान यूएनएससी में भारत के स्थायी मिशन काउंसल आर. मधुसूदन ने कहा कि, "सदस्य राज्य जानते हैं कि पाकिस्तान का एक स्थापित इतिहास और आतंकवादियों को पनाह देने, सहायता करने और उनका सक्रिय रूप से समर्थन करने की नीति है।'' उन्होंने कहा कि, ''पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जिसे विश्व स्तर पर राज्य की नीति के रूप में खुले तौर पर आतंकियों का समर्थन, प्रशिक्षण, वित्तपोषण और आतंकवादियों को हथियार देने के रूप में मान्यता दी गई है।"
आतंकियों से पाकिस्तान का गहरा नाता
दुनिया भर में आतंकवादी हमलों में आतंकियों के पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में विस्तार से बताते हुए भारत ने कहा कि, "यह (पाकिस्तान) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों की सबसे बड़ी संख्या की मेजबानी करने का अपमानजनक रिकॉर्ड रखता है। इतना अधिक है कि दुनिया भर में अधिकांश आतंकवादी हमलों में शामिल आतंकियों की किसी ना किसी तौर पर पाकिस्तान से ही संबंध होता है"। बहस के दौरान भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को यह भी याद दिलाया कि, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को ओसामा बिन लादेन के समर्थक हैं और आसानी से समझा जा सकता है कि, पाकिस्तान भी आतंकवाद के रास्ते पर ही चलता है।
जम्मू-कश्मीर पर भारत का बयान
जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने कहा कि, "जम्मू और कश्मीर समेत केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा थे, भले ही पाकिस्तान के प्रतिनिधि क्या मानते हैं या लालच करते हैं। इसमें वे क्षेत्र भी शामिल हैं, जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं। हम पाकिस्तान से अपने अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने का आह्वान करते हैं।" बहस के दौरान भारत ने यह भी कहा कि, वह पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ सामान्य संबंध चाहता है और शिमला समझौते और लाहौर घोषणापत्र के अनुसार, द्विपक्षीय मुद्दों की शांतिपूर्ण तरीके से समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। " लेकिन, भारत ने यह भी कहा कि, कोई भी सार्थक बातचीत आतंक, शत्रुता और हिंसा से मुक्त माहौल में ही हो सकती है। इस तरह के अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है। तब तक, भारत सीमा पार से आतंकवाद का जवाब देने के लिए दृढ़ और निर्णायक कदम उठाना जारी रखेगा।
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