भारत और अमेरिका चार वर्ष बाद रक्षा नीति पर शुरू करेंगे चर्चा, मिलिट्री सहयोग को बनाया जाएगा और मजबूत
वॉशिंगटन। अमेरिका और भारत दोनों देश फिर से कई अहम मिलिट्री डील्स को लेकर वार्ता करने वाले हैं। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक नई दिल्ली और वॉशिंगटन डिफेंस पॉलिसी ग्रुप (डीपीजी) को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच चार वर्षों के अंतराल के बाद इस पर डीपीजी पर वार्ता होगी जिसमें बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट (बेका) पर चर्चा सबसे अहम है। एक सीनियर अधिकारी के हवाले से अखबार ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है।
अमेरिका के इंटेलीजेंस सिस्टम का प्रयोग कर सकेगा भारत
बेका पर अगर रजामंदी होती है तो भारत, अमेरिका के जियोस्पेशियल मैप को प्रयोग कर सकेगा। इसका मतलब हुआ कि बेका की रजामंदी अगर होती है तो फिर भारत ऑटोमैटिक हार्डवेयर सिस्टम और हथियारों जैसे क्रूज और बैलेस्टिक मिसाइलों को अमेरिकी जियोस्पेशियल मैप की मदद से प्रयोग कर सकेगा। अमेरिकी जियोस्पेशियल एक प्रकार का इंटेलीजेंस सिस्टम है जो अमेरिकी डिफेंस डिर्पाटमेंट, पेंटागन के तहत आता है। भारत और अमेरिका के बीच पहले से ही कॉमकासा यानी कम्यूनिकेशन कॉम्पैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एंग्रीमेंट के अलावा लेमोआ यानी लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेंमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट पर मंजूरी हो चुकी है।
बेका वह प्लेटफॉर्म है जो दोनों देशों के बीच मिलिट्री कम्यूनिकेशन को और आसान बनाएगी। डीपीजी पर पिछले वर्ष सितंबर में 2+2 वार्ता के दौरान चर्चा हुई थी। भारत और अमेरिका के बीच पहली बार इस तरह की वार्ता का आयोजन हुआ था। इस वार्ता के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो और तत्कालीन रक्षा मंत्री जिम मैटीस भारत आए थे और यहां पर उन्होंने अपने समकक्षों से मुलाकात की थी।
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