यूक्रेन में मानवीय संकट पर भारत-फ्रांस ने जाहिर की चिंता, तुरंत युद्ध खत्म करने को कहा
नई दिल्ली, 05 मई। भारत और फ्रांस ने रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर चिंता जाहिर की। दोनों ही देश के नेताओं ने तत्काल प्रभाव से युद्ध को रोकने की बात कही। साझा बयान में पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि भारत और फ्रांस यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच मानवीय संकट को लेकर अपनी गहरी चिंता जाहिर करते हैं। दोनों देशों ने यूक्रेन में आम लोगों के मारे जाने की निंदा की है, साथ ही तुरंत दोनों ही पक्षों की ओर से युद्ध को रोकने की अपील की। फ्रांस ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए रूस की सेना को गैरकानूनी और अन्यायपूर्ण बताया

भारत और फ्रांस ने अफगानिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन और अमानवीयता से जुड़े मसलों पर चिंता जाहिर की है। दोनों देशों ने अफगानिस्तान में समग्र और देश का प्रतिनिधित्व करने वाली सरकार की बात कही। दोनों देशों की ओर से एक साझा बयान जारी करके कहा गया कि स्थित और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के लिए हम अपना मजबूत समर्थन देंगे। साझा बयान में कहा गया है कि भारत और फ्रांस ने मानवीय स्थिति और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं और एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए हम अपना मजबूत समर्थन देंगे। अफगानिस्तान की संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और इसके आंतरिक मामलों बाहरी हस्तक्षेप का समर्थन करते हैं।
भारत-फ्रांस के साझा बयान में कहा कि 2021 में यूएनएससी रिजोल्यूशन 2593 के तहत अफगानिस्तान का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में हम इस दिशा में एक साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बता दें कि यूएन रिजोल्यूशन 2593 को 31 अगस्त 2021 में स्वीकार किया गया था। अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के ठीक बाद ही इस प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था, जिसमे कहा गया था कि अफगान की जमीन का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं किया जाएगा।
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण के बाद से ही यहां के हालात काफी खराब हो गए हैं। पिछले साल अगस्त माह में तालिबान ने अफगानिस्तान पर फिर से नियंत्रण कर लिया था। हालांकि देश में युद्ध रुक गया लेकिन तालिबान की वापसी के बाद यहां मानवीय हालात काफी चुनौतीपूर्ण हो गए हैं। महिलाओं और नाबालिगों के साथ अमानवीयता और मानवाधिकारों का उल्लंघन यहां बड़ी चिंता का विषय है। गौर करने वाली बात है कि तीन दिन की यूरोप यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्वदेश वापस लौट रहे हैं।