तस्वीरों में: दूसरे विश्व युद्ध में डूबा अमरीका का लड़ाकू विमान
डीपीएए नाम की एक अमरीकी एजेंसी फ़्रांसीसी नौसेना के गोताखोरों की इस खोजी मिशन में मदद कर रही है.
इस एजेंसी का कहना है कि वैज्ञानिक डीएनए टेस्ट के ज़रिए ये पहचान करने की कोशिश करेंगे कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जो पायलट लापता हो गये थे, उनमें से कौन से दो पायलट इस लड़ाकू विमान को उड़ा रहे थे.ये अमरीकी विमान फ़्रांसीसी भूमध्य सागर के द्वीप कोरसिका के पूर्वी तट के पास क्रैश हुआ था.
फ़्रांस की नौसेना के कुछ गोताखोर अमरीका की एक एजेंसी के साथ मिलकर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान डूबे एक लड़ाकू विमान का मलबा खोजने में लगे हैं.
ये अमरीकी विमान फ़्रांसीसी भूमध्य सागर के द्वीप कोरसिका के पूर्वी तट के पास क्रैश हुआ था.
डीपीएए नाम की एक अमरीकी एजेंसी फ़्रांसीसी नौसेना के गोताखोरों की इस खोजी मिशन में मदद कर रही है.
इस एजेंसी का कहना है कि वैज्ञानिक डीएनए टेस्ट के ज़रिए ये पहचान करने की कोशिश करेंगे कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जो पायलट लापता हो गये थे, उनमें से कौन से दो पायलट इस लड़ाकू विमान को उड़ा रहे थे.
इन तस्वीरों में आप फ़्रांसीसी गोताखोरों को देख सकते हैं.
ये सभी गोताखोर खनन में इस्तेमाल होने वाले नेवी के 'एफ़एस प्लूटन एम-622' जहाज़ के ऊपर पड़े 'यूएस एएएफ़ पी-47 थंडरबोल्ट' नाम के अमरीकी लड़ाकू विमान से नमूने इकट्ठा कर रहे हैं.
ये विमान साल 1944 में क्रैश हुआ था.
अमरीकी एजेंसी डीपीएए का मक़सद उन सभी परिस्थितियों का पता करना है जिनकी वजह से दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ये हादसा हुआ.
एजेंसी कोशिश करेगी कि मृत सैनिकों का कोई नमूना मिला तो वो उन्हें उनके परिवार को सौंप दें और उन पायलटों का एक आधिकारिक सैन्य अंतिम संस्कार भी किया जाये.
फ्रांसीसी गोताखोरों ने विश्लेषण के लिए विमान से कई टुकड़े भी एकत्र किए हैं.
तस्वीरों में देखा जा सकता है कि दक्षिणी फ़्रांस के टूलों बंदरगाह के पास खड़े नौसेना के 'एफ़एस प्लूटन एम-622' जहाज़ में विमान के कुछ टुकड़े रखे हैं. इसी जहाज़ पर अमरीकी लड़ाकू विमान के टुकड़ों की जाँच की जा रही है.