इस देश में कोरोना वायरस से घर में पड़े-पड़े हो रही बुजुर्गों की मौत, हफ्तों बाद लोगों को मिल रही खबर
लंदन। दुनियाभर के देश इस वक्त कोरोना वायरस संकट से जूझ रहे हैं। दुनियाभर में वायरस से अब तक 71 लाख लोग संक्रमित पाए गए हैं, जबकि चार लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हैं। इस बीच एक ऐसी खबर भी आई है जिससे हर कोई हैरान है। कई जगह से ये बात सामने आई है कि बुजुर्ग लोगों की कोरोना वायरस से घर में पड़े-पड़े मौत हो रही है और इस बात की सूचना उनकी मौत के दो से तीन हफ्तों बाद लोगों की मिलती है।
लंदन से सामने आ रहे हैं कई मामले
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे कई मामले लंदन से ही सामने आए हैं। यहां मार्च, अप्रैल और मई में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें पता चला है कि कई बुजुर्गों की कोरोना वायरस से घर में ही मौत हो गई। इन लोगों की मौत के दो से तीन हफ्ते बाद जब इनके शवों से बदबू आने लगी, तब जाकर लोगों को इनकी मौत के बारे में पता चला। कई बुजुर्गों के शव से बदबू आने के बाद उनकी मौत की खबर उनके रिश्तेदारों और परिवारों को हुई।
घरों में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की मौत
बुजुर्ग लोगों से जुड़े एनजीओ का कहना है कि उनकी नजर में भी ऐसी बहुत सी घटनाएं आई हैं, जिनमें पता चला है कि खुद को आइसोलेट करने वाले और घरों में अकेले रहने वाले ऐसे बहुत से बुजुर्ग लोगों की मौत कोरोना वायरस से हुई है। रॉयल कॉलेज ऑफ पैथोलॉजिस्ट की डेथ इन्वेस्टिगेशन से जुड़े वरिष्ठ पैथालॉजिस्ट डॉक्टर माइक ने द गार्जियन से कहा, 'महामारी के दौरान सात से 14 दिनों तक लोगों के बारे में पता नहीं चल पाया। मुझे ऐसे कई मामलों के बारे में पता चला जब कोविड-19 के दौरान लोगों के शव घरों में सड़ने लगे और उनके संदिग्ध होते हुए पोस्टमार्टम तक किए गए।'
कई लोगों की मौत कोविड-19 से हुई
उन्होंने कहा कि जब किसी के शव से बदबू आने लगे तो ये पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि उसकी मौत किस वजह से हुई थी। लेकिन कुछ मामलों में हम इस बात का पता लगाने में सक्षम हुए हैं कि इनकी मौत के पीछे का कारण कोरोना वायरस था। महामारी के दौरान डॉक्टरों ने लंदन में घर पर रहने के दौरान 700 लोगों की मौत को प्रमाणित किया है। इनमें से अधिकतर की मौत कोरोना वायरस से हुई है। या फिर कोरोना वायरस उनकी अन्य बीमारियों के लिए घातक साबित हुआ है। एक एनजीओ से जुड़ी महिला ने कहा कि ये काफी दुख की बात है कि उन्हें ऐसा लगता था कि बहुत से बुजुर्ग अपने घर में मृत पाए जाएंगे।
मानसिक विकार भी बना मौत का कारण
उन्होंने कहा कि घर पर मृत मिले लोगों में कई की मौत मानसिक विकार और अन्य बीमारियों के कारण भी हुई है। एक अन्य पैथोलॉजिस्ट ने कहा कि कई बुजुर्गों की मौत का तो तब पता चला जब उनके पड़ोसियों को वो दिखाई नहीं दिए। कुछ मामलों में मरने वाले शख्स के फैमिली डॉक्टर ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका, तब उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने घरों पर पहुंचकर पाया कि मरीज की मौत हो चुकी है। इन बुजुर्गों की मौत को लेकर कहा जा रहा है कि ये लॉकडाउन के दौरान हुई हैं और इन लोगों ने जरूरत होने पर भी किसी तरह की सहायता नहीं मांगी थी।
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