Cisco में दलित भारतीय को करना पड़ा भेदभाव का सामना, कंपनी पर मुकदमा दर्ज
नई दिल्ली। अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित विश्व की बड़ी नेटवर्किंग और सॉफ्टवेयर कंपनी में से एक सिस्को सिस्टम्स पर मुकदमा दायर किया गया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक कंपनी में काम करने वाले एक भारतीय को सिलिकॉन वैली मुख्यालय में भेदभाव का सामना करना पड़ा क्योंकि वह एक दलित था। इस घटना के बाद कैलिफोर्निया अथोरिटी ने अमेरिकी कंपनी सिस्को के खिलाफ भेदभाव की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। दलित भारतीय का आरोप है कि उसके सभी सुपरवाइजर ऊंची जाति से आते हैं जिसके चलते उन्होंने मिलकर उसे प्रताड़ित किया।
इस घटना के बाद से सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा फूटा है उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। जानकारी के मुताबिक कैलिफोर्निया के निष्पक्ष रोजगार एवं आवासीय विभाग (डीएफईएच) ने मंगलवार को कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि पीड़ित शख्स ने हाल ही में सैन जोस स्थित मुख्यालय में कुछ भारतीयों के साथ काम किया जो आव्रजन पर अमेरिका आए थे और ऊंची जाति से ताल्लुक रखते हैं। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि अमेरिका आए भारतीय सुपरवाइजरों और सहकर्मियों शख्स के दलित होने को लेकर उसके साथ भेदभाव किया।
इतना ही नहीं उन्होंने पीड़ित इंजीनियर के साथ सिस्को के कार्यस्थल पर भी भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया। कैलिफोर्निया अथोरिटी ने इस मामले पर कहा है कि नागरिक अधिकार कानून, 1964 और कैलिफोर्निया निष्पक्ष रोजगार एवं आवासीय कानून के तहत सिस्को में कर्मचारी के साथ किया गया व्यवहार कानूनन अपराध है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दलित भारतीय के मुकाबले ऊंची जाति वाले लोगों की त्वचा का रंग साफ है। इस केस में आरोपियों पर रंगभेद कानून के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि इस मामले में भेदभाव करने और उसे प्रताड़ित करने के लिए सिस्को के सुपरवाइजर सुंदर अय्यर और रमन कोम्पेल्ला को नामजद किया गया है।
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