कश्मीर पर ट्रंप के मध्यस्थता 'ऑफर' को भारत ने ठुकराया तो क्या बोले इमरान खान
इस्लामाबाद। कश्मीर को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता वाले बयान पर हंगामा थमता नहीं दिख रहा है। दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मुलाकात के दौरान ट्रंप ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर के मसले पर मध्यस्थता का ऑफर दिया था। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दावे को तुरंत ही भारत ने खारिज कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का झूठ सामने आने के बाद पाकिस्तान तिलमिला गया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट करके कहा कि भारत ने जिस तरह से ट्रंप के ऑफर पर प्रतिक्रिया दी है ये हैरान करने वाला है।
भारत के जवाब पर क्या बोले इमरान खान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट में लिखा, "कश्मीर समस्या को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान को बातचीत की मेज पर लाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की पेशकश पर भारत की प्रतिक्रिया से हैरान हूं। कश्मीर समस्या ने उपमहाद्वीप को 70 साल से बंधक बना रखा है। कश्मीरियों की पीढ़ियां लगातार इसका नुकसान झेल रही हैं और इस संघर्ष के समाधान की जरूरत है।"
इमरान ने ट्रंप को उनकी शानदार मेहमाननवाजी के लिए किया शुक्रिया
इमरान खान ने लगातार कई ट्वीट करके अमेरिका यात्रा पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, 'मैं राष्ट्रपति ट्रंप को उनकी शानदार मेहमाननवाजी के लिए शुक्रिया कहना चाहता हूं, पाकिस्तान के दृष्टिकोण को लेकर उनकी समझ और हमारे पूरे प्रतिनिधिमंडल के साथ उनका व्यवहार शानदार रहा। हमें ऐतिहासिक व्हाइट हाउस के निजी क्वॉर्टर्स दिखाने के लिए मैं राष्ट्रपति की सराहना करता हूं।'
विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्रंप के दावे को किया खारिज
अगले ट्वीट में इमरान खान ने कहा, 'मैं राष्ट्रपति ट्रंप को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए पाकिस्तान हर संभव कोशिश करेगा। चार दशकों के संघर्ष के बाद लंबे समय से पीड़ित अफगान के लोग शांति के हकदार हैं।' बता दें कि इमरान खान अमेरिका के दौरे पर पहुंचे जहां उनकी ट्रंप से मुलाकात हुई। बताया जा रहा कि इसी मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि पीएम मोदी ने उनसे कश्मीर के मसले पर मध्यस्थता का ऑफर दिया था। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को राज्यसभा में आधिकारिक बयान जारी कर कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से किसी भी तरह का कोई अनुरोध नहीं किया गया था। मैं सदन को इस बात का भरोसा दिलाना चाहता हूं कि इस तरह का कोई भी अनुरोध पीएम मोदी की तरफ से नहीं किया गया है।
भारत के तगड़े जवाब पर क्यों लगी इमरान खान को मिर्ची
विदेश मंत्री ने आगे कहा, 'भारत अपनी स्थिति पर कायम है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों को सिर्फ द्विपक्षीय ही सुलझाया जा सकता है। पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का संपर्क तभी होगा जब वह सीमा पार से जारी आतंकवाद को खत्म करेगा।' विदेश मंत्री ने अपने बयान में शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शिमला समझौते और लाहौर घोषणा पत्र में यह बात साफतौर पर कही गई है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को सिर्फ द्विपक्षीय तौर पर ही सुलझाया जा सकता है।