अमेरिका ने कान मरोड़ा तो आई अकल? इमरान खान ने जो बाइडेन को लेकर लिया बड़ा U-Turn
इमरान खान लगातार जो बाइडेन की आलोचना करते आ रहे हैं और उन्होंने यहां तक कहा था कि अमेरिका पाकिस्तान को 'कचरा' साफ करने वाला समझता है।
इस्लामाबाद, सितंबर 19: पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की असफल वापसी के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के फैसले का बचाव किया है, और जोर देकर कहा कि यह एक "समझदार" कदम था और इसके लिए बाइडेन की "अनुचित आलोचना" की जा रही थी। पिछले कुछ दिनों से जो बाडेन की कई बार आलोचना करने के बाद इमरान खान ने बड़ा यू-टर्न ले लिया है। इमरान खान ने तो जो बाइडेन को 'नासमझ' राष्ट्रपति तक कह दिया था।
इमरान खान का बड़ा यू-टर्न
इमरान खान ने 17 सितंबर को एक रूसी समाचार चैनल को इंटरव्यू दिया है। जहां पर उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का बचाव किया है। इमरान खान ने कहा कि, "राष्ट्रपति बाइडेन की इतनी अनुचित आलोचना हुई और उन्होंने जो किया वह सबसे समझदारी भरा काम था।" इमरान खान का अमेरिकी राष्ट्रपति का बचाव करने वाला बयान एक महीने बाद आया है, जब उन्होंने अमेरिका पर आरोप लगाया था कि वह पाकिस्तान से अफगानिस्तान में "गड़बड़ को साफ करने" की उम्मीद कर रहा है। इमरान खान ने काबुल पर तालिबान के कब्जे से पहले अगस्त की शुरुआत में इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा था कि, "पाकिस्तान को केवल 'कचरा' साफ करने के लिए ही उपयोगी माना जाता है''।
बाइडेन को आड़े हाथ ले चुके इमरान
इमरान खान खुद अफगान सरजमीं से सैनिकों को वापस बुलाने के बाइडेन के फैसले के मुखर आलोचक रहे हैं। जून के अंत में द न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने तालिबान पर पाकिस्तान के प्रभाव को कम करने के लिए अमेरिकी वापसी को जिम्मेदार ठहराया था। इमरान खान ने इंटरव्यू के दौरान कहा था कि, ''अमेरिका ने वापसी की तारीख तय करने के बाद तालिबान से बातचीत शुरू की, जबकि तब तक तालिबान अपना काम कर चुका था।'' इमरान खान ने कहा था कि, ''तालिबान को लगता है कि वो युद्ध जीत चुके हैं और इसीलिए अब उन्हें प्रभावित करने की कोशिशें कामयाब नहीं होंगी''। इमरान खान ने कहा था कि, ''अमेरिका ने अफगानिस्तान से निकलने की तारीफ की घोषणा कर सब खराब कर दिया है''।
बाइडेन की आलोचना
अफगानिस्तान से जिस तरह से अमेरिका निकला है, उसके लिए जो बाइडेन की काफी आलोचना की जा रही है और देश के विपक्षी नेताओं के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भी बाइडेन को कड़े शब्दों में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। आलोचकों का कहना है कि ''अमेरिका ने वापसी की तारीख का ऐलान कर तालिबान की जीत पर मुहर लगा दिया।''। डॉन की रविवार की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान ने अफगानिस्तान के संबंध में अमेरिका के भविष्य के इरादों पर भी संदेह व्यक्त किया और कहा कि ''उन्हें यकीन नहीं है कि युद्ध से तबाह देश से निपटने के लिए अमेरिका के पास कोई नीति है या नहीं।'' लेकिन, अब इमरान खान ने बड़ा यू-टर्न लिया है, ऐसे में सवाल ये है कि क्या अमेरिका के कान मरोड़ने के बाद इमरान खान को अक्ल आ गई है?