'भगवान शिव' के रूप में इमरान ख़ान', पाकिस्तानी संसद में तांडव
भगवान शंकर की तस्वीर में पूर्व क्रिकेटर और राजनेता इमरान ख़ान का चेहरा, पाकिस्तान में ये मामला तूल पकड़ता दिख रहा है.
पाकिस्तानी संसद के अध्यक्ष ने पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी) के अध्यक्ष इमरान ख़ान को हिंदू देवता के रूप में पेश किए जाने के मामले की जाँच संघीय जांच एजेंसी (एफ़आईए) को सौंप दी है.
बुधवार को पाकिस्तानी संसद
भगवान शंकर की तस्वीर में पूर्व क्रिकेटर और राजनेता इमरान ख़ान का चेहरा, पाकिस्तान में ये मामला तूल पकड़ता दिख रहा है.
पाकिस्तानी संसद के अध्यक्ष ने पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी) के अध्यक्ष इमरान ख़ान को हिंदू देवता के रूप में पेश किए जाने के मामले की जाँच संघीय जांच एजेंसी (एफ़आईए) को सौंप दी है.
बुधवार को पाकिस्तानी संसद की कार्यवाही के दौरान प्रमुख विपक्षी पार्टी पीपीपी (पाकिस्तान पीपल्स पार्टी) के एक सदस्य रमेश लाल ने कहा कि सत्ताधारी मुस्लिम लीग (नवाज़) के कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर इमरान ख़ान की एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें उन्हें हिंदुओं के देवता शिव के रूप में दिखाया गया है.
संसद अध्यक्ष सरदार अयाज़ सादिक़ ने गृह मंत्री तलाल चौधरी से कहा है कि इस मामले की रिपोर्ट जल्द से जल्द संसद में पेश की जाए.
https://twitter.com/NathKAidar/status/983912689994010626
हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं
रमेश लाल ने कहा कि इमरान ख़ान के विरोध में सत्ताधारी पार्टी के लोगों ने दरअसल हिंदुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाया है.
उनका कहना था कि संविधान में ये साफ़ तौर पर लिखा हुआ है कि किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी.
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी के कई कार्यकर्ता और पार्टी की सोशल मीडिया सेल के लोग ऐसे काम में संलिप्त हैं जिससे दूसरे धर्म के लोगों की भावनाएं आहत होती हैं.
रमेश लाल ने मांग की कि इसके ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ उसी तरह सख्त कार्रवाई की जाए जिस तरह से मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वालों के ख़िलाफ़ की जाती है.
संसद अध्यक्ष ने इस पर फौरन कार्रवाई करते हुए मामले को एफ़आईए के साइबर सेल को भिजवा दिया.
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट भी हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने के लिए पिछले कुछ दिनों से सक्रिय दिखाई देती है.
पंजाब प्रांत के चकवाल इलाके में कटासराज मंदिर की खस्ताहालत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था और हिंदुओं के इस पवित्र स्थल की देखभाल के लिए कई कदम उठाए थे.