कोरोना वायरस: IMF ने कहा- वैश्विक अर्थव्यवस्था पर महामारी का पड़ेगा बुरा प्रभाव
नई दिल्ली। दुनिया इस समय वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रही है। चीन से निकले इस जानलेवा वायरस ने करीब 145 देशों अपनी चपेट में ले लिया है। इस महामरी से अब तक 10,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है जिस कारण दुनिया भर की सरकारें दहशत हैं। काम-काज, वैश्विक व्यापार यहां तक कि कई इटली जैसे देशों ने खुद के पूरी तरह से बंद कर लिया है। इन सबका प्रभाव वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है जो आने वाली बड़ी मंदी की ओर दुनिया को धकेल रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को इसी ओर चेतावनी देते हुए कहा कि वैश्विक कोरोनो वायरस महामारी का प्रभाव 'काफी गंभीर' होगा, लेकिन एक लंबी विस्तार अवधि और उच्च रोजगार दर का मतलब है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को मौजूदा हालात में बड़ा झटका मिल सकता है। आईएमएफ की रणनीति नीति और समीक्षा विभाग के प्रमुख मार्टिन मुहेलेसेन ने एक इंटरव्यू में आगे कहा, अभी सरकारों का मुख्य लक्ष्य इस तरह की महामारी के विस्तार को सीमित करना होना चाहिए, जिससे यह अर्थव्यवस्था को लगने वाला आर्थिक झटका अस्थायी हो।
उन्होंने कहा कि बैंकों और सरकारों ने बाजारों को तरलता प्रदान करने और उन्हें कार्यशील रखने के लिए पहले से ही अभूतपूर्व उपाय किए हैं लेकिन इसकी और शायद अधिक आवश्यकता होगी। उनके प्रभाव को बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऐसे कदमों का समन्वय किया जाना चाहिए। इस संकट के लिए बेहतर संगठित और अधिक समन्वित स्वास्थ्य प्रतिक्रियाओं आवश्यकता है जिससे, जितना जल्दी हो सके आत्मविश्वास लौटे। सात अमीर देशों के समूह के नेताओं ने पिछले हफ्ते कहा कि वे प्रकोप का जवाब देने के लिए कुछ जरुरी कदम उठाएंगे लेकिन उन्होंने इस पर विशिष्टता नहीं दी, जिससे बाजारों में बेचैनी बढ़ गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं (G20) के नेता अगले सप्ताह एक आभासी शिखर सम्मेलन आयोजित करेंगे। बता दें कि इस वायरस ने दुनिया भर में 254,700 से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और 10,451 लोगों की मौत हुई है। रोग के प्रसार को रोकने के प्रयासों से दुनिया भर में आपूर्ति और मांग दोनों को गंभीर झटके लगा है।
यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस के गुजरात में 8 पॉजिटिव केस, टेस्ट के लिए यहां अब तक 189 सैंपल लिए गए