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'मुझे बच्चों से यौन आकर्षण है और मैं जानता हूं कि ये ग़लत है'

जो लोग बच्चों के प्रति यौन आकर्षण महसूस करते हैं उनकी मदद कैसे करें?

By BBC News हिन्दी
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यौन शोषण, बच्चा, पीडोफ़ाइल
AFP
यौन शोषण, बच्चा, पीडोफ़ाइल

आए दिन हम ख़बरों में बच्चों के यौन शोषण और रेप की ख़बरें पढ़ते-सुनते हैं लेकिन कभी सोचा है कि ये कैसे लोग हैं जो बच्चों के साथ ऐसी हरकतें करते हैं?

आम तौर पर इन्हें 'पीडोफ़ाइल', 'बच्चों का रेपिस्ट', 'मानसिक रूप से विकृत' और 'घटिया' बताया जाता है लेकिन सच क्या है?

क्या वाक़ई ऐसा करने वाले सभी लोग क्रूर किस्म के होते हैं या उन्हें भी कोई समस्या होती है? क्या उनमें बच्चों के प्रति यौन आकर्षण होता है और ये जानते हुए भी कि बच्चों को चोट पहुंचाना ग़लत है, वो ख़ुद को रोक नहीं पाते?

मैं इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढने निकली और मेरी मुलाक़ात एडम से हुई. ये उनका असली नाम नहीं है, वो अपनी पहचान जाहिर नहीं करना चाहते थे इसलिए मैं उन्हें एडम कह रही हूं.

एडम ख़ुद को 'नॉर्मल' मानते हैं. वो किसी आम लड़के की तरह दोस्तों के साथ घूमते हैं, ट्रिप पर जाते हैं और वीडियो गेम्स खेलते हैं.

वो जब 13 साल के थे तब उन्हें अहसास हुआ वो कुछ अलग हैं. उनके सभी दोस्त लड़कियों के बारे में बात करते थे जबकि उन्हें लड़कियों में कोई दिलचस्पी नहीं थी. एडम को अपने से छोटे बच्चे अच्छे लगते थे.

वो बताते हैं, "मेरी उम्र बढ़ती गई, लेकिन मेरी पंसद नहीं बदली. उल्टा मैं और ज्यादा छोटे बच्चों के प्रति आकर्षित होने लगा."

लड़की पसंद करने का नाटक किया

कुछ वक़्त तक एडम किसी और किशोर की तरह अपने दोस्तों के ग्रुप में 'फ़िट' होने की कोशिश करते रहे. उन्होंने बताया, "मैंने खुद को अलग-थलग महसूस किया, मैंने इसे छिपाने की कोशिश की. पढ़ाई करके और फ़ुटबॉल खेलकर अपना ध्यान भटकाने की क़ोशिश की."

बच्चे, चाइल्ड अब्यूज, पीडोफ़ाइल
I Stock/Getty
बच्चे, चाइल्ड अब्यूज, पीडोफ़ाइल

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उन्होंने दोस्तों के सामने क्लास की एक लड़की को पंसद करने का नाटक भी किया, लेकिन सच्चाई तो कुछ और थी. उस वक़्त उन्हें ये नहीं पता था कि वो 'पीडोफ़ाइल' हैं. जब एडम 17 साल के हुए तब उन्हें लगा कि बच्चों के प्रति उनका आकर्षण खत्म नहीं हो रहा है और ये नॉर्मल नहीं है.

बच्चे, चाइल्ड अब्यूज, पीडोफ़ाइल
Getty Images
बच्चे, चाइल्ड अब्यूज, पीडोफ़ाइल

उन्होंने बताया, "मैं पीडोफ़ाइल होने के ख़याल से ही कांप गया. मुझे मालूम है कि सब ऐसे लोगों से कितनी नफ़रत करते हैं. उन्हें रेपिस्ट और अपराधी माना जाता है."

वो बताते हैं, "मुझे ये डर सताने लगा कि कहीं मैं किसी बच्चे को नुकसान न पहुंचा दूं और जेल न पहुंच जाऊं."

एडम का दावा है कि बच्चों के प्रति आकर्षण के बावजूद उन्होंने आज तक किसी बच्चे को चोट नहीं पहुंचाई और न ही कोई ग़ैरकानूनी काम किया है.

ख़ुद से नफ़रत

वो कहते हैं, "मैं समझता हूं कि मेरा स्वभाव ग़लत है और किसी बच्चे के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए. मैं जब बच्चों के साथ यौन शोषण की ख़बरें पढ़ता हूं तो मुझे बहुत गुस्सा आता है. तब मुझे ख़ुद से नफ़रत होती है और मर जाना चाहता हूं."

बच्चे, चाइल्ड अब्यूज, पीडोफ़ाइल
Getty Images
बच्चे, चाइल्ड अब्यूज, पीडोफ़ाइल

सतर्क होने के बावजूद ऐडम 18 साल की उम्र में इंटरनेट के जरिए 'प्रोकॉन्टैक्टो' नाम के पीडोफ़ाइल ग्रुप के संपर्क में आ गए थे. वहां उन्हें फुसलाकर ये यकीन दिलाने की क़ोशिश की गई कि बच्चों के साथ सम्बन्ध बनाना ग़लत नहीं है. वो बड़ी मुश्किल से इस ग्रुप के झांसे से बाहर निकले.

नहीं मिलती मदद

एडम ने अपने बारे में अपनी मां को बताया है. वो ख़ुद को 'माइनर अट्रैक्टेड पर्सन' यानी एमएपी कहते हैं. एडम को लगता है कि उन जैसे लोगों के लिए मदद के विकल्प बहुत कम हैं जो अपनी इस प्रवृत्ति से निजात पाना चाहते हैं.

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डॉक्टर के पास जाना भी एक ऑप्शन है लेकिन कई बार गोपनीयता की नीतियों के बावजूद मरीजों की पहचान सामने आ जाती है क्योंकि बच्चों की सुरक्षा को ज्यादा अहम माना जाता है और वो ज्यादा अहम है भी.

हालांकि इंटरनेट पर कुछ सपोर्ट ग्रुप मौज़ूद हैं जो ऐसे लोगों की मदद करते हैं. ये ऑनलाइन फ़ोरम इन्हें समझाते हैं कि बच्चों से सम्बन्ध बनाना ग़लत है. इन्हें यहां से भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सपोर्ट भी मिलता है.

बच्चे, चाइल्ड अब्यूज, पीडोफ़ाइल
Getty Images
बच्चे, चाइल्ड अब्यूज, पीडोफ़ाइल

मैंने एडम से पूछा कि क्या उन्हें भविष्य में एक खुशहाल ज़िंदगी की उम्मीद है. जवाब में वो सिर हिलाते हैं और कहते हैं कि उन्हें ख़ुद नहीं मालूम.

हालांकि वो ज़ोर देकर कहते हैं कि वो कभी किसी बच्चे को नुक़सान नहीं पहुंचा सकते.

मेडिकल साइंस क्या कहता है?

अमरीकन सायकाइट्रिस्ट असोसिएशन (एपीए) के मुताबिक मनोवैज्ञानिक पीडोफ़ीलिया को एक 'पैराफ़ीलिया डिसऑर्डर' मानते हैं.

ये एक तरह की मानसिक बीमारी है जिसका शिकार व्यक्ति बच्चों के प्रति यौन आकर्षण महसूस करता है. हालांकि ये ज़रूरी नहीं है कि हर पीडोफ़ाइल व्यक्ति बच्चों का उत्पीड़न करता है.

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साथ ही ये भी ज़रूरी नहीं है कि बच्चों का उत्पीड़न करने वाला व्यक्ति पीडोफ़ाइल हो ही. कई बार सामान्य यौन प्रव़त्ति वाले लोग भी बच्चों को नुक़सान पहुंचाते हैं. कुछ पीडोफ़ाइल सिर्फ बच्चों की ओर आकर्षित होते हैं तो कुछ वयस्कों और बच्चों दोनों के प्रति.

बच्चे, चाइल्ड अब्यूज, पीडोफ़ाइल
Getty Images
बच्चे, चाइल्ड अब्यूज, पीडोफ़ाइल

जो लोग जानते हैं कि वो पीडोफ़ाइल हैं और वो ये भी मानते हैं कि बच्चों से सम्बन्ध बनाना ग़लत है उन्हें 'एंटी-कॉन्टैक्ट' कहा जाता है. जैसे कि एडम.

अक्सर देखा गया है कि बच्चों का यौन शोषण करने वाला व्यक्ति खुद भी कभी न कभी ऐसे अनुभव से होकर गुजरा होता है, लेकिन ये बात हमेशा लागू नहीं होती.

कनाडा के क्लीनिकल साइकॉलजिस्ट जेम्स कैन्टर मानते हैं कि पीडोफ़ीलिया की वजह दिमागी ग्रन्थियों में गड़बड़ी है.

बच्चे, चाइल्ड अब्यूज, पीडोफ़ाइल
Getty Images
बच्चे, चाइल्ड अब्यूज, पीडोफ़ाइल

आंकड़ों की बात करें तो अनुमान के मुताबिक 1 से 5 प्रतिशत पुरुष ऐसे हैं जिन्होंने कभी न कभी बच्चों से यौन सम्बन्ध बनाया है.

कुछ औरतें भी बच्चों के साथ यौन अपराध करती हैं लेकिन उनकी संख्या का अंदाज़ा नहीं है और न ही ये मालूम है उनमें से कितनी महिलाएं असल में पीडोफ़ाइल हैं.

BBC Hindi
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English summary
I have attraction to children and I know it is wrong
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