'मैं सांस नहीं ले सकता हूं,' ये थे सऊदी जर्नलिस्ट जमाल खाशोगी के अंतिम शब्द, हत्या के बाद आरी से टुकड़े-टुकड़े किया गया शव
न्यूयॉर्क। अमेरिकी चैनल सीएनएन ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मरने से पहले सऊदी जर्नलिस्ट जमाल खाशोगी के अंतिम शब्द थे, 'मैं सांस नहीं ले सकता हूं।' सीएनएन से जिस सूत्र के हवाले से यह दावा किया है उसके पास खाशोगी के मर्डर से पहले वह ऑडियो टेप है जिसकी ट्रांसक्रिप्ट को उन्होंने पढ़ा है। इस सूत्र ने अमेरिकी चैनल को बताया है कि खाशोगी की हत्या पूर्वनियोजित थी। यह भी कहा जा रहा है कि इस संबंध में कई फोन कॉल्स की गईं थी जिनके जरिए इस हत्या की पल-पल की जानकारी दी जा रही थी।
कांसुलेट में दाखिल होने के कुछ मिनटों बाद ही हत्या
सीएनएन ने कहा है कि टर्की के अधिकारियों का मानना है कि ये सभी फोन कॉल्स रियाद में बैठे अधिकारियों को की गई थीं। खाशोगी वॉशिंगटन पोस्ट के लिए लिखते थे। दो अक्टूबर को वह टर्की के इस्तानबुल में स्थित सऊदी कांसुलेट में दाखिल हुए थे और इसके कुछ ही मिनटों बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। ऑडियो टेप में इस बात की पूरी जानकारी है कि कैसे खाशोगी को निर्दयता के साथ मारा गया था। इसके अलावा अंतिम समय में उन्होंने किस तरह से अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष किया, इस बारे में भी टेप में पूरा विवरण दिया गया है।
इस टेप में इस बात का भी जिक्र है कि कैसे खाशोगी को मारने के बाद उनके शव को एक आरी से टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया। ओरिजिनल ट्रांसक्रिप्ट को टर्की की इंटेलीजेंस एजेंसी ने तैयार किया है। सीएनएन का कहना है कि इसके एक सूत्र ने इसका अनुवादित संस्करण पढ़ा है और इसके बाद खाशोगी की हत्या से जुड़ी जांच में इसकी संक्षिप्त जानकारी भी दी। सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने रविवार को इस मांग को मानने से साफ इनकार कर दिया जिसमें टर्की के राष्ट्रपति रेसेप एर्दोगान की ओर से संदिग्धों के प्रत्यर्पण की बात कही गई थी।