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चली नहीं एक भी गोली, फिर भी सड़कों पर बिछ गई लाशें

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फ्रीटाउन। लाइबेरिया, सिएरा लियोन समेत पश्चिम अफ्रिका के कई देशों में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। तड़पते लोग, अपने रिश्तेदारों को खोए बिखलते लोगों की तस्वीर आम होती जा रही है। और यह सब किसी युद्ध स्थिति की वजह से नहीं, बल्कि काले साए की तरह फैलते इबोला की वजह से है। इबोला की वजह से यहां हजारों लोगों की जान जा चुकी है तो हजारों लोग अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।

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पश्चिम अफ्रिका में 4000 लोगों की मौत

खासकर अगर सिएरा लियोन की बात की जाए तो यहां की हालत और समस्या काफी परेशान करने वाली है। इबोला के संक्रमण का खतरा यहां लोगों का जीना दूभर कर रहा है। इबोला की वजह से अभी तक 4000 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, सिएरा लियोन में स्थिति तब और भी विकट हो गई, जब वहां के ब्यूरियल टीम ने हड़ताल जारी कर दी। ब्यूरियल टीम यानि की वह टीम जो इबोला की वजह से मृत लोगों के शवों को घरों या अस्पतालों से ले जाकर दफनाने का काम करती है।

शवों को दफनाने वाले कर्मचारी हड़ताल पर

इबोला एक संक्रमित होने वाली बीमारी है, लिहाजा इस मामले में शवों को दफनाने वाली इन टीमों का किरदार काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। लेकिन सरकार ने ब्यूरियल टीम के कर्मचारियों को समय पर पगार देने में कोताही दिखाई, जिस वजह से यहां काम करने वाले 600 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए।

सरकार ने की पगार देने में कोताही

आपको बता दें, इन कर्मचारियों को हर हफ्ते 600 यूएस डॉलर की रकम अदा की जाती है। जब इन्हें कई हफ्तों तक पैसे नहीं दिये गए, तो कर्मचारियों ने काम से हाथ ऊपर उठा लिया। इसके बाद कुछ दिनों तक सिएरा लियोन की स्थिति भयानक होती गई। सड़कों पर लाशें बिछती गई, लेकिन उसे उठाने वाला कोई नहीं था। लाशों का अंबार इलाके में रह रहे लोगों की जिंदगी भी खतरे में डाल रहा था। क्योंकि इन लाशों को यूं खुले में छोड़ देने से संक्रमण का खतरा कई गुणा बढ़ गया था।

सड़कों पर लाशों का लगा अंबार

इबोला से संक्रमित या मृत लोगों को परिवार वाले भी घर से बाहर फेंक देते हैं। ऐसे में एक हफ्ते तक सड़कों पर लाशें जमा होती रही। हालांकि, फिलहाल सिएरा लियोन के उप-स्वास्थ्य मंत्री मदीना रहमान ने बयान दे दिया है कि कर्मचारियों से संबंधित सारे मुद्दे अब सुलझ चुके हैं। जिसके बाद टीम ने पूरी तैयारी के साथ लाशों को दफनाने का काम शुरू कर दिया है।

यूं दफनाते हैं लाशों को

लाशों को दफनाने के लिए इन कर्मचारियों को पूरी सुरक्षा दी जाती है। ये लाशों को प्लास्टिक में सील कर दफनाने ले जाते हैं। वहीं इनके लिए स्पेशल सूट मुहैया कराई जाती है। जिससे संक्रमण का खतरा न हो साथ ही ग्लव्स, स्पेशल गोगल के साथ ये लाशों को हाथ लगाते हैं।

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English summary
Bodies were left in homes and on streets of Freetown as strike by burial teams in the capital goes for a week.
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