Video: अंटार्कटिका में टूटकर अलग हुआ विशालकाय आइसबर्ग, न्यूयार्क और लंदन के बराबर आकार
लंदन: ग्रेटर लंदन के बराबर का एक हिमखंड यानी आइसबर्ग ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे स्टेशन के पास अंटार्कटिका में अलग हो गया है। यह घटना ब्रिटेन के हैली अनुसंधान स्टेशन से सिर्फ 20 किमी पर हुई थी। अंटार्कटिका के ब्रंट आइस शेल्फ इलाके से शुक्रवार को 1,270 वर्ग किमी और 150 मीटर मोटा हिस्सा अलग हो गया, जिसका साइज न्यूयॉर्क शहर से भी बड़ा है। जबकि मुंबई से उसका दोगुना आकार है। इस महीने के अंत में अंटार्कटिका के ब्रंट आइस शेल्फ में बड़ी दरारों का फुटेज मिला था।

10 सालों में तीसरी बड़ी दरार आई सामने
ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के अनुसार 26 फरवरी की सुबह अंटार्कटिक की सतह पर दरार आ गई थी, फिर वो तैरते हुए बर्फ की चट्टान से अलग हो गया। जिसके बाद ही विशालकाय हिमखंड का निर्माण हुआ। बताया जा रहा है कि जनवरी से ही हर रोज करीब 1 किमी की रफ्तार से अपनी सतह से अलग हो रहा था। पहला संकेत नवंबर 2020 में सामने आया था, जब उत्तरी रिफ्ट नामक एक नई खाई 35 किमी दूर स्टेनकोम्ब विल्स ग्लेशियर टोंग्यू के पास एक और बड़ी खाई की ओर बढ़ रही थी। पिछले 10 सालों में तीसरी बड़ी दरार सामने आई है।
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आइसबर्ग का BSA ने जारी किया वीडियो
ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण ने हाल ही में इसका वीडियो जारी किया है। जिसमें साफ देखा जा सकता है कि कैसे आइसबर्ग में लंबी दरारें पड़ रही है। यह खाई शुक्रवार सुबह तक सैकड़ों मीटर तक चौड़ी हो गई। इस वजह इसका हिस्सा अलग हो गया। उन्होंने बताया कि हैली अनुसंधान स्टेशन सर्दियों के लिए बंद है, जिससे किसी भी तरह से प्रभावित होने की संभावना नहीं है।

बीएसए में लगा रखे है जीपीएस डिवाइस
अंटार्कटिका के इस हिस्से की बर्फ में बड़ी दरारें पहली बार एक दशक पहले खोजी गई थीं और तब से बस इस तरह की घटना के मामले में बीएसए इस क्षेत्र की निगरानी कर रहा हैं। बीएसए में ब्रंट पर कई जीपीएस डिवाइस हैं। ये बर्फ की गतिविधियों के बारे में जानकारी कैंब्रिज में एजेंसी के मुख्यालय में वापस भेजते हैं।

इस घटना को काल्विंग कहा जाता है
ब्रिटिश ग्लेशियोलॉजिस्ट और वेल्स की स्वानसी विश्वविद्यालय में भूविज्ञान के प्रोफेसर एड्रियन लकमैन ने हाल ही के हफ्तों में ब्रंट की फोटो की जांच की थी, जिसमें उन्होंने अनुमान लगाया था कि कभी भी ग्लेशियर से बर्फ का एक बड़ा हिस्सा टूट सकता है, उन्होंने कहा कि शुक्रवार को ब्रंट आइस शेल्फ में पाई गई घटना काफी दुर्लभ और रोमांचक हैं। इस तरह से अलग हुए हिमखंड की घटना को काल्विंग कहा जाता है, जिसमें जमे हुए क्षेत्र से विशाल आइसबर्ग अलग होते हैं।
इसरो ने उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर के फटने की पहली तस्वीरें जारी की