कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अमेरिका कैसे कर रहा है राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अमेरिका कैसे कर रहा है राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी
वॉशिंगटन: US Presidential Elections 2020: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच अमेरिका में तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद का चुनाव होने में दो सप्ताह से कुछ अधिक समय बचा हुआ है और इसी बीच खबर आ रही है कि अमेरिका में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण की दर नई ऊंचाइयां छू सकती हैं। ऐसे में वहां चुनाव कराना किसी चुनौती से कम नहीं है। रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार और अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन के भी तीन करीबी संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। ऐसे में हम आपको बताते हैं कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी कैसे कर रहा है?
- वर्चुअल कैंपेन पर ज्यादा फोकस: कोरोना वायरस संक्रमण से अमेरिका में 2,15,000 लोगों की जान जा चुकी है। विश्व में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका ही है। ऐसे में इस बार के चुनाव को ध्यान में रखते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिक पार्टी वर्चुअल कैंपेन पर ज्यादा फोकस कर रही है। हालांकि जो बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले ज्यादा वर्चुअल कैंपेन कर रहे हैं। ट्रंप ने तो कई ऐसी रैलियां की हैं, जहां हजारों लोग बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के दिखें।
- कोरोना काल में बदला चुनाव प्रचार का तरीका: महामारी ने अमेरिका में राजनीतिक प्रचार और धन जुटाने के नए तरीकों को भी जन्म दिया है। अब दोनों ही पार्टियां ज्यादातर ऑनलाइन कैंपेने कर रही है। जो बाइडेट को ऑनलाइन कैंपेन में ट्रंप से ज्यादा तवज्जो मिल रही है। जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप का टाउन हॉल आयोजित किया गया था और ट्रंप के मुकाबले ज्यादा लोगों ने बाइडेन का कार्यक्रम देखा। नीलसन कंपनी ने कहा कि बाइडेन के टाउन हॉल को एबीसी में रात आठ से नौ बजे के बीच एक करोड़ 41 लाख लोगों ने देखा वहीं ट्रंप के कार्यक्रम एक करोड़ 35 लाख लोगों ने देखा ।
-पोस्टल वोटिंग ज्यादा: अमेरिका चुनाव की सबसे बड़ी चुनौती है, तीन नवंबर को कोरोना के निमयों का पालन करते हुए वोटिंग प्रक्रिया पूरी कराना। हालांकि इसके लिए अमेरिका में चुनाव विभाग पोस्टल वोटिंग पर फोकस कर रहे हैं। पोस्टल वोटिंग में एब्सेंटी बैलट और मेल शामिल हैं। डाक मतदान में, मतपत्र वोटरों को वितरित किए जाते हैं और इन्हें डाक के माध्यम से भी वोट डालकर लौटाया जाता है। आमतौर पर 3 नवंबर को या इससे पहले इसे पोस्टमार्क किया जाता है।
- कोई व्यक्ति जो चुनाव के दिन किसी मतदान केंद्र पर उपस्थित नहीं हो सकता है। वह अपना मत ईमेल के जरिए भी भेज सकता है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने महामारी को लेकर चुनाव को टालने की भी बात कही थी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
- कोविड -19 के कारण अमेरिका में अधिक से अधिक लोग मेल के जरिए वोटिंग करने के लिए आवेदन कर रहे हैं। हालांकि पोस्टल वोटिंग की सुरक्षा को लेकर डोनाल्ड ट्रंप चिंता जताई है। लेकिन कोरोना को देखते हुए ज्यादातर अमेरिकी इस पद्धति को पसंद कर रहे हैं।
-महामारी के कारण चुनाव कार्यकर्ताओं ने नई मशीनों के लिए भी बहुत संघर्ष किया है। नई मशीन आने के बाद चुनाव अधिकारियों को उसका प्रशिक्षण भी लेना पड़ा है।
-अधिक पोस्टल वोटिंग (डाक मतदान) का मतलब है कि उक्त वोटों की गिनती में सामान्य से अधिक समय लग सकता है। यानी महामारी की वजह से अमेरिका के चुनाव नतीजे आने में भी देरी हो सकती है।