टर्की में रूस के राजदूत की हत्या, क्या वर्ल्ड वॉर 3 का है इशारा?
नवंबर 2015 में टर्की की सेना के रूस के दो फाइटर जेट्स को गिराने के बाद से ही दोनों देशों में तनाव। अब राजदूत की हत्या के बाद दोनों देशों में हो सकती है युद्ध की स्थिति।
मॉस्को। टर्की के अंकारा में सोमवार को रूस के राजदूत आंद्रे कारलोव की एक पुलिस वाले ने हत्या कर दी। एक आर्ट गैलरी में हुई इस हत्या के बाद दोनों देशों के बीच तनाव फिर से एक नई सीमा पर पहुंच सकता है। कारलोव की हत्या के बाद कुछ विशेषज्ञ तो यहां तक कह रहे हैं कि यह तनाव कहीं दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध की वजह न बन जाए।
नवंबर 2015 से बिगड़े रिश्ते
कारलोव की हत्या के बाद टर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एरडोगॉन और रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन दोनों के बीच फिर से रिश्ते बिगड़ सकते हैं। रूस ने अपने राजदूत की हत्या को 'एक्ट ऑफ टेररिज्म' करार दिया है।
नवंबर 2015 में जब टर्किश एयरफोर्स ने रशियन एयरफोर्स के फाइटर जेट को गिरा दिया था तो रूस और टर्की के रिश्ते काफी बिगड़ गए थे।
रूस का कहना था कि उसका फाइटर जेट टर्की के ऊपर नहीं था और जानबूझकर टर्की ने उसके फाइटर जेट को गिराया है।
कई तरह की पाबंदियां
इसके बाद रूस ने टर्की पर कई तरह की पाबंदिया लगा दी थी। वहीं टर्की ने भी रूस को निर्यात किए जाने वाले फलों और सब्जियों को बैन कर दिया था।
साथ ही बिना वीजा के सफर को भी बंद कर दिया गया और कई रूस की कई ट्रैवेल एजेंसियों ने दबाव में आकर कई टूर पैकेज को भी बंद कर दिया।
सीरिया को लेकर तनाव
इस वर्ष सिंतबर में रूस ने सीरिया में टर्की के 'निर्मम मिलिट्री एक्शन' को लेकर चिंता जताई। साथ ही सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को अपना समर्थन जारी रखने का ऐलान किया।
इस वर्ष 28 फरवरी को टर्की ने सीरिया में जारी युद्धविराम का उल्लंघन किया और कुर्दिश फोर्सेज पर नॉर्थ सीरिया में हमला किया।
इसके बाद रूस ने टर्की की विरोधियों के लिए बनाई गई सप्लाई लाइन को ही कट कर दिया था।
कैसे हुआ था वर्ल्ड वॉर 1
अगर आप टर्की के अंकारा में हुई घटना की तुलना वर्ल्ड वॉर 1 से पहले की घटना से करें तो आपको काफी कुछ एक जैसा ही लगेगा।
28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया के आर्चड्यूक फ्रैंज फेर्डीनेंड की सेरजेवो में छह लोगों ने हत्या कर दी थी।
इस ग्रुप का नाम गैवरिलो प्रिंसिप था और इसमें शामिल छह लोग उनकी हत्या के लिए योजना बना रहे थे। फेर्डीनेंड ऑस्ट्रिया और हंगरी के अगले उत्तराधिकारी थे।उनकी हत्या के साथ ही एक नए युद्ध की शुरुआत कर दी थी।
फिलहाल रूस के राजदूत की हत्या के बाद आगे क्या होगा यह तो समय ही बताएगा। लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव फिर से बढ़ रहा है और किसी भी बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।