ISIS के अलावा कहां-कहां सक्रिय रहीं फीमेल सुसाइड बॉम्बर
पेरिस। यूरोप की पहली महिला सुसाइड बॉम्बर्स के साथ ही एक बार फिर से आतंकी संगठनों में मौजूद खतरनाक महिलाओं की मौजूदगी बहस का विषय बन गई है।
जहां हसना एतबाउलाचेन ने यूरोप में आईएसआईएस की दहशत को और मजबूत करने का काम किया है तो वहीं उसने एक ऐसे ट्रेंड की ओर भी इशारा किया है, जो पिछले कई वर्षों से जारी है।
महिला फिदायिन यानी फीमेल सुसाइड बॉम्बर, ऐसा नहीं है कि आईएसआईएस ने ही इन्हें अपनी ब्रिगेड में शामिल किया हो बल्कि इनका भी एक इतिहास रहा है। एक ऐसा इतिहास जो भारत से भी जुड़ा है और जिसने रूस को भी आतंकवाद की आग में झोंकने का काम किया था। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या एक सुसाइड बॉम्बर ने ही अंजाम दी थी।
आगे की स्लाइड्स पर इस ट्रेंड से जुड़ी कुछ खास बातों पर एक नजर डालिए।
अल कायदा
करीब एक दशक पहले इराक में अल कायदा के नेता अबु मुसाब अल-जरकावी ने अपने चार सदस्यों को जॉर्डन में हमले के लिए भेजा था। नौ नवंबर 2005 को साजिदा अल रिश्वाई और उसके पति अली अल-शामरी ने हमले की कोशिश की थी।
साजिदा अल रिश्वाई
अम्मान के होटल में हमले की कोशिश में जहां साजिदा का पति मारा गया तो वह बच गई। कई दिनों के बाद वह जॉर्डन के टीवी पर आई और उसने दो अपने एक्सप्लोसिव बेल्ट्स वाली जैकेट को दिखाया। आईएसआईएस के हाथों जॉर्डन के पायलट की मौत के बाद साजिदा को इस वर्ष फांसी दे दी गई।
लेबनान के आतंकी
इजरायल के 18 वर्षों तक लेबनान पर कब्जे के दौरान कई महिला सुसाइड बॉम्बर्स का प्रयोग किया गया था। यह संकट वर्ष 2000 में खत्म हुआ था।
17 वर्ष की महिला सुसाइड बॉम्बर
लेबनान में मारी गई सुसाइड बॉम्बर्स में 17 वर्ष की सना मेहीड्ली का नाम सबसे ऊपर था जिसने वर्ष 1985 में इजरायली काफिले में शामिल होकर खुद को एक्सप्लोसिव वाली कार के साथ उड़ा लिया था। इस हमले में कई इजरायली सैनिकों की मौत हो गई थी।
फिलिस्तीन की वफा
फिलिस्तीन ने वर्ष 2002 तक इजरायल के खिलाफ कई सुसाइड बॉम्बर का प्रयोग किया जिसमें 27 वर्ष की वफा इदरीस का नाम काफी मशहूर हुआ था। वफा ने वर्ष 2002 में जेरुसलेम के एक कस्बे में हमले के दौरान खुद को उड़ा लिया था। इस हमले में पहली बार किसी फिलिस्तीन महिला के हाथों इजरायल के किसी नागरिक की मौत हुई थी।
टर्की
वर्ष 1980 तक टर्की में कई सुसाइड अटैक्स के लिए महिलाओं का प्रयोग हो रहा है। इस वर्ष जनवरी में इंस्ताबुल में हुए हमले में फीमेल सुसाइड बॉम्बर का प्रयोग हुआ था।
रूस
चेचेन्या से कई फीमेल सुसाइड बॉम्बर्स जिन्हें 'ब्लैक विडो' के नाम से जानते हैं, रूस में भेजा गया था। वर्ष 2010 में मास्को की मेट्रो में हुए हमले के दौरान ऐसी ही सुसाइड बाम्बर का प्रयोग हुआ था जिसमें 40 लोगों की मौत हो गई थी।
नाइजीरिया
नाइजीरिया में बोको हराम की ओर से कई बार महिलाओं तो कई बार 10 वर्ष की छोटी बच्चियों को सुसाइड बॉम्बर के तौर पर प्रयोग किया जाता है। आईएसआईएस फिलहाल नाइजीरिया की महिलाओं को इराक और सीरिया में प्रयोग कर रहा है। कई बार तो मर्जी के बिना भी महिलाओं को हमले के लिए कहा जाता है।
भारत
वर्ष 1991 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या एक तमिल सुसाइड बॉम्बर नलिनी के हाथों हुई थीं जो श्रीलंका के लिट्टे ग्रुप की सदस्य थी।
श्रीलंका
श्रीलंका में लिट्टी ने कई सुसाइड बॉम्बर को अपने दो दशकों तक चले आतंक के साम्राज्य के दौरान प्रयोग किया।
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