500 वर्ष पहले ही हो गई थी नोट्रे डेम कैथेड्रल में आग की भविष्यवाणी
पेरिस। पेरिस में 13वीं सदी का नोट्रे डेम कैथेड्रल अब शायद ही कभी अपने पुराने स्वरूप में आ पाए। सोमवार दोपहर यहां लगी आग ने इसके एतिहासिक रूप को खत्म कर दिया है। लेकिन दुनिया में एक शख्स ऐसा था जिसे 500 वर्ष पहले ही इस कैथेड्रल के आग में तबाह होने के बारे में पता चल गया था। मशूहर फ्रेंच ज्योतिषी नास्त्रेमदस जिन्होंने भविष्य की घटनाओं के बारे में भवष्यिवाणी की थी, उन्होंने ही नोट्रे डेम कैथेड्रल के 15 अप्रैल 2019 में आग लगने की घटना के बारे में भी लिख दिया था।
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क्या लिखा था नास्त्रेदमस ने
नास्त्रेदमस ने 500 वर्ष नहले करीब 942 ऐसी लाइनें लिखी थीं जो कविता के रूप में थीं। इन्हीं लाइनों में भविष्य की घटनाओं की जानकारी उन्होंने दी थी। इन लाइनों में ही नोट्रे डेम में आग की घटना पर भी उन्होंने कुछ लाइनें लिखी थीं। नास्त्रेदमस ने एक ऐसी घटना के बारे में लिखा था जो बहुही ही भावुक करने वाली होगी। अगर आग की घटना के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो की ट्वीट को पढ़ा जाए तो ऐसा ही इशारा मिलता है। मैंक्रो ने ट्वीट किया और लिखा, 'नोट्रे डेम आग में घिरा हुआ है। पूरा देश कैथोलिक्स के साथ है। मैं दुखी हूं क्योंकि हमारा एक हिस्सा जल रहा है।'
फ्रांस और इटली का जिक्र
नास्त्रेदमस ने जो लाइनें लिखी थीं उसका अर्थ कुछ इस तरह से है- मेष, गुरु और शनि, भगवान अनंत है, आप कैसे बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं, एक लंबी सदी के बाद बुराई फिर से वापस लौटेगी, फ्रांस और इटली आप न जाने किस तरह की भावनाओं से गुजरेंगे? नास्त्रेदमस के मुताबिक नोट्रे डेम की कुंडली इस तरह की है जिसमें मेष राशि का प्रभाव है। नास्त्रेदमस के मुताबिक यह इस तरह से तैयार हुआ है कि सूर्य का प्रभाव भी काफी तेज है। उनका मानना था कि इस तरह का संयोग सिर्फ 80 सालों में एक बार देखने को मिलता है। इसके अलावा नास्त्रेदमस ने यह भी गौर किया था कि गुरु और शनि भी एक ही घर में हैं।
248 वर्षों में बनता है ऐसा योग
साथ ही कुछ ऐसे ग्रह मौजूद हैं जिनकी वजह से 248 वर्षों में एक बार बनने वाला संयोग पैदा होता है। इस हिसाब से उन्होंने नोट्रे डेम में लगाने वाली आग का जिक्र किया था। नॉस्त्रेदमस ने लंदन में लगी आग की भविष्यवाणी भी की थी जो कि दो सितंबर 1666 में सच साबित हुई थी। इस दिन लंदन की पुडिंग लेन बेकरी में इतनी भयानक आग लगी थी कि उस पर तीन दिनों के बाद काबू पाया जा सका था। इसके अलावा उन्होंने जर्मनी के तानाशाह हिटलर से लेकर जूलियन असांजे के बारे में कई बातें कहीं थीं।
हर कोई दुखी
नोट्रे डेम में लगी आग ने हर किसी का दिल दुखा दिया है। न सिर्फ पेरिस के लोग बल्कि यहां पर आने वाले पर्यटक भी काफी दुखी हैं। शहर में हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई जिसमें स्थानीय लोगों के अलावा दूर देशों से आए पर्यटक भी शामिल थे। कोई रो रहा था तो कोई गीत गुनगुना रहा था। लोग एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए थे और उनकी आंखों में आंसू थे। आग की वजह से कोई भी नोट्रे डेम को अपनी आंखों के सामने गिरता हुआ नहीं देख पा रहा था। साइन नदी के किनारे स्थित इस कैथेड्रल में लगी आग को बुझाने के लिए करीब 400 फायरफाइटर्स आए उनकी पूरी कोशिश थी कि इसे ज्यादा नुकसान से बचाया जा सके।