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मंगल पर इंसान को भेजने की योजना कितनी सही

वो कहते हैं, "मैं समझता हूं कि नासा भाग्यशाली है, जो उसने पाया है, वो बहुत मुश्किल है. मैं नासा का लोकप्रिय आदमी नहीं हूं लेकिन मैं ऐसा ही सोचता हूं."

आपोलो 8 में बिल एंडर्स के पूर्व सहकर्मी रहे फ्रैंक बोरमैन उनकी बातों से सहमत नहीं दिखते हैं.

रेडियो 5 लाइव से फ्रैंक बोरमैन ने कहा,"मैं बिल एंडर्स जितना नासा का आलोचक नहीं हूं. मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमें अपने सौर मंडल की मज़बूत पड़ताल करनी चाहिए."

By BBC News हिन्दी
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नासा
NASA
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पहली बार चांद का चक्कर लगाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल एक शख़्स ने कहा है कि मंगल पर 'मानव भेजने की योजना एक बेवकूफी है.'

पृथ्वी की कक्षा छोड़ने वाले पहले मानव अंतरिक्ष यान अपोलो 8 के पायलट रहे बिल एंडर्स ने बीबीसी रेडियो 5 लाइव से कहा कि मंगल पर इंसानों को भेजना "हास्यास्पद" है.

फिलहाल, नासा चांद पर एक नए दल को भेजने की तैयारी कर रहा है.

नासा की योजना है कि चांद पर दल को भेजकर वो वहां से अनुभव जुटाएगा और इन अनुभवों के आधार पर वो मंगल पर इंसानों को भेज सकेगा.

बिल एंडर्स के दावे पर नासा का पक्ष जानने के लिए संपर्क किया गया, पर उन्होंने किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी है.

85 साल के बिल एंडर्स कहते हैं कि वो बिना इंसानों वाले अंतरिक्ष यान के "समर्थक" हैं क्योंकि "वे सस्ते होते हैं."

"क्या ज़रूरत है?" "हमें मंगल पर जाने को लिए कौन मजबूर कर रहा है?" वो कहते हैं, "मुझे नहीं लगता कि लोगों की इसमें दिलचस्पी है."

मंगल नासा
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मंगल नासा

सफल रही थी अपोलो 8 की यात्रा

मंगल पर कई रोबोट वहां की स्थितियों का जायजा ले रहे हैं. पिछले महीने नासा ने इनसाइट नाम के रोबोट को मंगल पर भेजा था, जो वहां की स्थितियों का अध्ययन कर रहा है.

दिसंबर 1968 में बिल एंडर्स अपने सहयोगी फ्रैंक बोरमैन और जिम लोवेल के साथ चांद पर पहुंचे थे. आपोलो 8 में शामिल सदस्यों ने धरती पर लौटने से पहले चांद की कक्ष में 20 घंटे बिताए थे.

वो 27 दिसंबर को प्रशांत सागर लौटे थे, जहां से उन्हें वापस लाया गया था.

ये पहला मौक़ा था जब उनके दल ने धरती से सबसे दूर तक अंतरिक्ष की यात्रा की थी. इस सफलता ने अपोलो 11 के रास्ते खोल दिए और सिर्फ़ सात महीने बाद ही इसे चांद पर उतारा गया था.

चांद
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चांद

चांद पर भेजने के वादे का क्या हुआ

पूर्व अंतरिक्ष यात्री ने नासा पर सवाल उठाया है कि उसके उस वादे का क्या हुआ जब पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने 1960 के दशक के अंत तक चांद पर इंसान भेजने की प्रतिज्ञा ली थी.

बिल एडंर्स कहते हैं, "नासा आज तक चांद पर इंसान नहीं भेज सका है. वो जिद्दी सा हो गया है...नासा नौकरियों का अवसर बन कर रहा गया है... उसे लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है."

बिल एंडर्स उस फ़ैसले से भी खफ़ा दिखते हैं जिसमें 1970 के दशक में अपोलो कार्यक्रम पूरा होने के बाद पृथ्वी की नज़दीकी कक्षा की पड़ताल की जानी थी.

वो कहते हैं, "मुझे लगता है कि अंतरिक्ष यान एक गंभीर ग़लती थी. इसने रोमांचक शुरुआत के अलावा कुछ नहीं किया. ये अपने वादे पर खरा नहीं उतरा."

यह भी पढ़ें | भारतीय को अंतरिक्ष ले जाएगा ये 'बाहुबली' रॉकेट

नासा मंगल
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क्या हासिल हुआ नासा को

नासा ने फिर क्या हासिल किया?

वो कहते हैं, "मैं समझता हूं कि नासा भाग्यशाली है, जो उसने पाया है, वो बहुत मुश्किल है. मैं नासा का लोकप्रिय आदमी नहीं हूं लेकिन मैं ऐसा ही सोचता हूं."

आपोलो 8 में बिल एंडर्स के पूर्व सहकर्मी रहे फ्रैंक बोरमैन उनकी बातों से सहमत नहीं दिखते हैं.

रेडियो 5 लाइव से फ्रैंक बोरमैन ने कहा,"मैं बिल एंडर्स जितना नासा का आलोचक नहीं हूं. मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमें अपने सौर मंडल की मज़बूत पड़ताल करनी चाहिए."

स्पेस एक्स और अमेजॉन के मंगल पर निजी मिशन शुरू करने की योजना के सवाल पर फ्रैंक बोरमैन बहुत उत्साहित नहीं दिखते हैं.

वो कहते हैं, "मुझे लगता है कि मंगल को लेकर बहुत अधिक प्रचार हो रहा है, जो बकवास है. कंपनियां मंगल पर अपनी कॉलोनी बसाना चाहती हैं, ये एक पागलपन है और कुछ नहीं."

BBC Hindi
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English summary
How much is the plan to send man on Mars
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