कैसे 40 मिनट में पीएम मोदी ने ट्रंप के सामने कश्मीर पर पाकिस्तान और इमरान को कर डाला बेनकाब
न्यूयॉर्क। पिछले दिनों न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात हुई। इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई और 40 मिनट के अंदर ही पीएम मोदी ने ट्रंप के सामने पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर इमरान खान के कश्मीर कैंपेन को पूरी तरह से फेल कर दिया। इमरान खान ने भी इस बात को पिछले दिनों सार्वजनिक तौर पर मान लिया है कि कश्मीर को लेकर वह जो कैंपेन चला रहे थे, वह अब पूरी तरह से फेल हो चुका है। इस कैंपेन को किसी का भी समर्थन नहीं मिल रहा है। इंग्शिल डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है।
40 मिनट की ट्रंप-मोदी मीटिंग
मंगलवार को पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जो मुलाकात हुई वह करीब 40 मिनट तक चली थी। ट्रंप के साथ मीटिंग के दौरान मोदी ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के इतिहास और इसमें पाकिस्तान के शामिल होने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मोदी ने पाकिस्तान की तरफ से जम्मू कश्मीर के लिए चलाई जा रही आतंकवाद की फैक्ट्री के बारे में उस समय जानकारी दी जब ट्रंप ने उनसे पूछा था कि आखिर क्यों इमरान खान हमेशा कश्मीर घाटी में नरसंहार से लेकर परमाणु हथियारों के बारे में बात करते रहते हैं। दोनों नेताओं की इस द्विपक्षीय मुलाकात पर करीब से नजर रखने वाले अधिकारियों की ओर से इस बारे में बताया गया है।
एक-एक कर गिनाए पाक के गुनाह
सूत्रों ने बताया कि मोदी ने ट्रंप के साथ हुई मीटिंग को एक ऐसे मौके के तौर पर लिया जहां पर वह इमरान के अप्रमाणित आरोपों को पूरी तरह से तहस-नहस कर सकते थे। साथ ही उन्होंने ट्रंप को यह भी बताया कि कैसे उन्होंने पाकिस्तान के साथ रिश्ते बेहतर करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास किए लेकिन हर बार उन प्रयासों को विफल कर दिया गया। मोदी ने बताया कि किस तरह से वह 25 दिसंबर 2015 को अचानक लाहौर पहुंच गए थे जबकि उनका यह दौरा तय ही नहीं था। कई खतरों को दरकिनार करते हुए उन्होंने लाहौर में कदम रखा था और उनकी इस विजिट के एक हफ्ते के अंदर ही पाक से आए आतंकियों ने पठानकोट स्थित इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के बेस पर हमला कर दिया था।
आतंकियों पर खामोश पाकिस्तान
मोदी ने ट्रंप को बताया कि पाकिस्तान को पठानकोट आतंकी हमले के कई सुबूत भी दिए गए। इसके बाद भी पाक ने आतंकियों को बचाया और इस हमले के साजिशकर्ता पर कोई भी एक्शन नहीं लिया। पीएम मोदी ने ट्रंप को साफ कर दिया कि भारत, पाकिस्तान साथ सामान्य संबंध चाहता है। लेकिन, पाक हमेशा ही आतंकियों को एक राष्ट्रीय नीति की तरह प्रयोग करता आया है। एक अधिकारी की ओर से बताया गया कि राष्ट्रपति ट्रंप जानना चाहते थे कि क्यों इमरान खान, मोदी, आरएसएस, नरसंहार और परमाणु खतरे की बात करते रहते हैं। पीएम मोदी ने इस पर ट्रंप को बताया कि पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में आतंकवाद को मदद दी जा रही है। साथ ही परमाणु हथियारों पर ब्लैकमेलिंग ही इमरान खान का यूनाइटेड नेशंस जनरल एसेंबली (उंगा) में एक मुद्दा रह गया है।
इमरान बोले फेल हो गया कैंपेन
इमरान ने यूनाइटेड नेशंस (यूएन) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'सच बताऊं तो मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से थोड़ा निराश हूं।' इमरान ने आरोप लगाया कि अगर 80 लाख यूरोपियन्स, यहूदियों या फिर अमेरिकी लोगों को किसी तरह की घेराबंदी में रखा जाता तो शायद अलग तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिलती। यहां तक कि अगर सिर्फ आठ अमेरिकियों को ही कब्जे में रखा होता तो भी प्रतिक्रिया अलग होती। इमरान के शब्दों में, 'पीएम मोदी पर इस घेराबंदी को खत्म करने के लिए कोई दबाव ही नहीं है।' इमरान ने ये बातें उस समय कहीं जब वह जम्मू कश्मीर से हटाई गई धारा 370 के संदर्भ में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे।