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US-Iran tension: सिर्फ तीन घंटे में मिसाइलों से कैसे बचाई व्‍हाइट हाउस ने अपने 1000 सैनिकों की जान

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वॉशिंगटन। ईरान ने बुधवार को ईराक में अमेरिकी सैन्‍य संस्‍थानों को निशाना बनाया। एक के बाद एक 16 बैलेस्टिक मिसाइलें दागी गईं। इराक में स्थित अल-असद एयरबेस के अलावा इरबिल में अमेरिकी संस्‍थान पर मिसाइलों की बारिश हुई। लेकिन इस हमले में एक भी अमेरिकी सैनिक को खरोंच तक नहीं आई। ईरान की तरफ से दावा जरूर किया गया कि उसने 80 अमेरिकियों को मार दिया है। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की ओर से एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सिर्फ अमेरिकी सैनिकों को व्‍हाइट हाउस की तरफ से अलर्ट किया गया और इस अलर्ट की वजह से उनकी जान बच सकी थी।

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दोपहर से व्‍हाइट हाउस को मिलने लगे मैसेज

दोपहर से व्‍हाइट हाउस को मिलने लगे मैसेज

ईरान के हमले से पहले व्‍हाइट हाउस को मंगलवार को दोपहर दो बजे अमेरिकी एजेंसियों की तरफ से एक फ्लैश मैसेज मिला था। इस मैसेज में हमले की आशंका जताई गई थी और कहा गया था कि अमेरिकी सैनिकों को निश्चित तौर पर ईरान निशाना बनाने जा रहा है। पूरे दिन इस तरह के अलर्ट व्‍हाइट हाउस को मिलते रहे थे। व्‍हाइट हाउस को बताया गया था कि मिसाइल और रॉकेटों के अलावा मिडिल ईस्‍ट में अमेरिकियों पर आतंकी हमलों की आशंका जताई गई थी। यहां तक कहा गया था कि ईरान समर्थित सैंकड़ों लड़ाके अल असद एयर बेस को निशाना बना सकते हैं। उप-राष्‍ट्रपति माइक पेंस और व्‍हाइट हाउस के नेशनल सिक्‍योरिटी एडवाइजर रॉबर्ट सी ओ ब्रायन को सटीक जानकारी दी गई।

अल असद बेस पर थे हजारों सैनिक

अल असद बेस पर थे हजारों सैनिक

दोनों उस समय व्‍हाइट हाउस के वेस्‍ट विंग के बेसमेंट में मौजूद थे। राष्‍ट्रपति ट्रंप भी थोड़ी देर बाद वहां पर पहुंचे। तीन घंटे बाद ईरान ने बैलेस्टिक मिसाइलों की बौछार शुरू कर दी। अल असद एयरबेस पर करीब 1,000 अमेरिकी सैनिक थे। इन हमलों में अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद सेना के सीनियर कमांडर्स ईरान को जवाब देने के लिए रेडी थे। सभी उन विकल्‍पों पर चर्चा कर रहे थे तो ईरान को जवाब देने के लिए जरूरी थे। इंटेलीजेंस की तरफ से मिली अर्ली वॉर्निंग की वजह से न सिर्फ सैनिकों की जान बच सकी बल्कि कोई भी ईराकी इन हमलों की चपेट में नहीं आया।

खाली बेस पर बरसती रहीं मिसाइलें

खाली बेस पर बरसती रहीं मिसाइलें

पूरे दिन मिसाइल बस खाली बेस पर गिरती रहीं। इंटेलीजेंस मिलने के बाद के अगले तीन घंटे सेना और अमेरिकी अधिकारियों के लिए काफी नाजुक थे। मंगलवार को अमेरिकी समयानुसार शाम 5:30 बजे पेंटागन ने ईरान की तरफ से आने वाली मिसाइलों को डिटेक्‍ट किया। 16 कम दूरी और मध्‍यम दूरी वाले फतह 110 और शहाब मिसाइलों को तीन जगहों से लॉन्‍च किया गया था। इन मिसाइलों ने खाली पड़े अल असद बेस पर एक ब्‍लैक हॉक हेलीकॉप्‍टर और रेकी करने वाले एक ड्रोन को निशाना बनाया। एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर को भी हल्‍का नुकसान हुआ। हमले में कई टेंट्स को भी नुकसान पहुंचा था।

सुलेमानी की मौत के बाद से एक्टिव स्‍पाई सैटेलाइट

सुलेमानी की मौत के बाद से एक्टिव स्‍पाई सैटेलाइट

इसके कुछ ही मिनट बाद इरबिल में एक एयरबेस पर मिसाइल आकर गिरी। इस मिसाइल ने स्‍पेशल ऑपरेशंस के लिए बनाए गए उस सेंटर को निशाना बनाया जहां पर अमेरिकी और उसके साथी देशों की सेनाएं आईएसआईएस के खिलाफ रणनीति तैयार करती हैं। इस सेंटर को कितना नुकसान हुआ है इस बात की जानकारी तो नहीं मिल सकी है मगर यहां पर भी हमले में किसी की जान नहीं गई है। इराक के अनबार प्रांत में स्थित अल असद एयरबेस पहले से ही इराक के कतैब हिजबुल्‍ला के निशाने पर है। कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद से अमेरिका के स्‍पाई सैटेलाइट्स अलर्ट पर हैं।

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English summary
How in just 3 hours US saved the lives of its soldiers from Iran's massive missile attacks.
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